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पिंजरे में दाना डालने से पहले छत पर दाना और फल का टुकड़ा डाला गया था, पिंजरे के पास दाना खाने में जैसे ही बंदर उलझे वैसे ही पिंजरे का फाटक उठ गया एक बंदर पिंजरे में फंस गया और डाला गया दाने को खानेलगा जिसकी देखा देखी अन्य बंदर भी इसी जगह पहुंच गए और बारी-बारी से बड़े वाले पिंजरे के अंदर घुस गए, जिसके बाद एक-एक कर छह बंदर इस पिंजरे में कैद हो गए।
वन विभाग की टीम द्वारा बड़े पिंजरे से सभी बंदरों को छोटे पिंजरे में शिफ्ट कराया गया, वन विभाग की चालाकी और चतुराई से वह सभी बंदरों को कैद करने में सफल रही और लोगों को बंदरों के आतंक से निजात दिलाई, वन विभाग की इस पांच सदस्य टीम में वनरक्षी संतोष कुमार, ट्रेकर विजय मलराम, राकेश कुमार, जवाहर बिंद, बाबूलाल राम आदि थे इस कार्रवाई के बाद लोगों ने राहत की सांस ली।
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दरअसल पिछले कुछ महीनों से रामगढ़ में बंदरों ने आतंक मचा रखा था, बंदरों ने कई लोगों को काट लिया था और लोगों के घरों व छतों पर कई समान को क्षतिग्रस्त भी कर दिया था पानी की टंकी को गंदा करना और नल की टोटी तोड़ना बंदरों के लिए आम बात हो चुकी थी, जिसके बाद लोगों के द्वारा वन विभाग को फोन कर बंदरों के विषय में जानकारी दी गई जिसके बाद वन विभाग की टीम ने सभी बंदरो कैद करते हुए लोगों को बंदरों के आतंक से निजात दिलाया है।
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