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बताया जा रहा है कि लड़का और लड़की दोनों का परिवार दिल्ली के टोटापुर में एक ही मोहल्ले में रहते हैं जहां दोनों की पहचान हुई थी 7 मई को साठी अचानक गायब हो गई वहीं मोहल्ले से विनोद ठाकुर भी लापता पाया गया जिसके बाद मोहल्ले में पूछताछ के बाद लड़की के पिता ने दिल्ली क्राइम ब्रांच में एक प्राथमिकी दर्ज करवाई जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि विनोद ठाकुर उनकी पुत्री को बहला-फुसलाकर बेचने के लिए ले गया है।
सूचना पर दिल्ली क्राइम ब्रांच ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लिए कार्य करने वाली संस्था मिशन मुक्ति फाउंडेशन के डायरेक्टर वीरेंद्र कुमार सिंह को लड़की लड़का के फोटोग्राफ के साथ सूचित किया जिसके बाद जांच के दौरान पाया गया कि दोनों दिल्ली रेलवे स्टेशन से अमृतसर होते हुए हिमाचल पहुंचे हैं, इस सूचना के बाद दोनों टीमों ने हिमाचल में उनकी खोजबीन शुरू की इस क्रम में दोनों के मोबाइल लोकेशन के आधार पर पाया गया कि दोनों वहां से भी सरयू-जमुना एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ कर निकल गए हैं।
इसके बाद क्रमश: बाराबंकी, अयोध्या, अयोध्या कैंट सहित अनेक रेलवे स्टेशन पर पुलिस को अलर्ट किया गया लेकिन दोनों सभी जगहों से चकमा देते हुए छपरा तक पहुंच गए जिसके बाद मिशन मुक्ति फाउंडेशन के द्वारा इस बात की सूचना छपरा रेलवे चाइल्डलाइन के कोऑर्डिनेटर घनश्याम कुमार को दी गई, छपरा रेलवे चाइल्ड लाइन, राजकीय रेलवे पुलिस और आरपीएफ की संयुक्त प्रयास से दोनों को बरामद कर लिया गया है।