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इस दौरान बिहार के वर्तमान सियासी पर सवाल किया गया तो उन्होंने साफ तौर पर कहा दिया कि बिहार की राजनीति में अभी कुछ नही कहना है, वहीं नीतीश कुमार के पीएम बनने के बात पर कहा कि 1 महीने पहले नीतीश कुमार पक्ष में थे अभी विपक्ष को गोलबंद कर रहे हैं ऐसे में विश्वसनीयता कितनी है वो जनता तय करेगी हालांकि यह भी कहा कि बिहार में जो नया राजनीतिक प्रयोग हुआ है इसका देशव्यापी कोई परिणाम होगा।
इस देश की राजधानी पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है लेकिन प्रयास करने के लिए हर व्यक्ति स्वतंत्र हैं दरअसल चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पदयात्रा के बाद जनसुराज से जुड़ने वाले स्वच्छ छवि के ईमानदार लोग पार्टी बनाने का निर्णय करेंगे, उन्होंने कहा की पार्टी में अध्यक्ष का चुनाव होगा और वह इससे दूर रहेंगे, जनसुराज के 50 हजार लोग पार्टी बनाने का फैसला करेंगे।
इस दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि पार्टी को आगे ले जाने के लिए तन मन और धन से मदद करेंगे, पार्टी गठन के बाद बिहार के विकास को लेकर वह 15 साल का खाका तैयार कर जनता के बीच जाएंगे, आजादी से पहले जैसा कांग्रेस का संचालन किया जाता था और उसमें सभी वर्गों के लोग जुड़े थे, वह किसी परिवार के पार्टी नहीं होती थी उसी तरह जब पार्टी का निर्माण होगा तो पहले वाली कांग्रेस की तरह ही इसका संचालन किया जाएगा, इस दौरान चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि अब वह किसी दूसरी पार्टी के लिए चुनावी रणनीतिकार नहीं बनेंगे वह आम लोगों की पार्टी के लिए काम करेंगे।