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तीन दशक पहले दोनों ही ब्लॉक का बंटवारा हुआ फिर भी वे सभी भगवानपुर प्रखंड व्यापार के सदस्य बने रहे हाल के दिनों में राजनीति के तहत साजिश के तहत उनकी मेंबरशिप को मतदान सूची से मुक्त कर दिया गया है जो कि काफी निंदनीय है उनका आरोप है कि मतदान सूची में हम सभी किसानों का नाम हटाने में वर्तमान प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी सहित कई संयुक्त रुप से किया गया है।
किसान ने बताया कि प्रखंड निर्वाचन पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी यदि उनकी गुहार को सुनकर आवश्यक कार्रवाई नहीं करते हैं तो मतदान सूची से नाम हटाए गए हम सभी किसान जिला पदाधिकारी से गुहार लगाने के बाद हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे।