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दरअसल सुराज यात्रा के तहत दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन समस्तीपुर में मीडिया से बात कर रहे थे उन्होंने कहा कि भले ही लोकसभा चुनाव तक महागठबंधन के दल साथ में रहे, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले इसमें फेरबदल संभव है, सरकार की स्थिरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2012 के बाद से बिहार यह छठा प्रयोग है, जिससे सरकार बदली है इससे बिहार के विकास पर बुरा असर पड़ा है और विकास की गति धीमी हुई है।
आगे उन्होंने कहा कि बिहार के समग्र विकास का ब्लूप्रिंट जारी करेंगे, जिसमें समस्या के साथ उसके समाधान का भी मार्ग बताया जाएगा, उन्होंने कहा कि वे 2 अक्टूबर से पद यात्रा पर निकलेंगे इसके तहत गांव-गांव में हर घर दरवाजा खटखटाएंगे ताकि बिहार के वास्तविक मुद्दों को समझ सके, पदयात्रा के बाद एक प्रयास किया जाएगा कि जो लोग जन सुराज यात्रा में अभियान के साथ चलने के लिए तैयार होंगे उनके साथ राज्य स्तर पर अधिवेशन का आयोजन किया जाएगा कि राजनीतिक दल बनाना है या नहीं, सभी लोग मिलकर ही आगे का रास्ता तय करेंगे और यह प्रक्रिया पूरी तौर पर लोकतांत्रिक एवं सामूहिक होगी।