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जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री को तबादले को लेकर काफी शिकायतें मिली थीं, इसके बाद सीएम ने यह फैसला लिया है, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता की तरफ से बिहार राजस्व सेवा के राजस्व अधिकारी एवं समकक्ष पद तथा अंचल अधिकारी एवं समकक्ष अंचल अधिकारी, प्रभारी अंचल अधिकारी, सहायक बन्दोबस्त पदाधिकारी, प्रभारी सहायक बन्दोबस्त पदाधिकारी, चकबंदी पदाधिकारी, प्रभारी चकबंदी पदाधिकारी, राजस्व अधिकारी, राजस्व अधिकारी सह-कानूनगो और सहायक चकबंदी पदाधिकारी पद पर पदाधिकारियों के स्थानांतरण किया गया था।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता लालू और तेजस्वी के खास माने जाते हैं, ऐसे में सीएम नीतीश कुमार ने आलोक मेहता के तबादले के आदेश को रद्द कर यह साबित किया है कि ट्रांसफर पोस्टिंग के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितता हुई थी, दरअसल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 30 जून 2023 को देर शाम 510 कर्मियों के तबादले का नोटिफिकेशन जारी किया था, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में यह पहला मौका नहीं है जब कि मंत्री के आदेश को खारिज किया गया है, इसके पहले एनडीए की सरकार में भी रामसूरत राय जब इस विभाग के मंत्री थे, तब भी 500 कर्मियों के तबादले सीएम ने रद्द किया था यह विभाग तबादले को लेकर विवाद में रहा है।