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बिहार में भी होने वाला था महाराष्ट्र वाला खेल, समय रहते जदयू ने घेराबंदी शुरू कर दिखाया बाहर का रास्ता

आरसीपी सिंह

Bihar: आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी जदयू से इस्तीफा दे दिया है हालांकि इसकी स्क्रिप्ट कुछ महीने पहले ही लिखी जाने लगी थी जब तक आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के साथ रहे उनके वफादार बन कर रहे लेकिन जैसे ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को पावर दिया वह हाथ से निकल गए जिस केंद्र सरकार में संख्यात्मक आधार पर नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद आरसीपी सिंह ने अपने आप को केंद्र में सेट कर लिया यहीं से दोनों के रास्ते अलग हो गए, दरअसल बिहार में भी महाराष्ट्र वाला गेम होने वाला था, लेकिन इससे पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सारा खेल समझ गए और आरसीपी सिंह के लिए के लिए फील्डिंग लगा दी गई, आरसीपी सिंह कुछ दिनों पहले नालंदा पहुंचे थे जहां हमारा मुख्यमंत्री आरसीपी सिंह जैसा हो के नारे लगे थे और इससे पहले कि वह पार्टी के लिए एकनाथ शिंदे साबित होते हैं उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। ‌

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आरसीपी सिंह

जब आरसीपी सिंह दिल्ली चले गए तो पटना में ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार के आंख और कान बन गए ऐसे में जब यूपी चुनाव आया और उस समय आरपीसी सिंह को बीजेपी से गठबंधन करने की जिम्मेदारी दी गई तो इसमें वह असफल हो गए इसका असर नीतीश कुमार पर पड़ा वही जाति जनगणना, जनसंख्या नियंत्रण पर जदयू की राय से अलग आरपी सिंह बीजेपी की भाषा बोलने लगे थे ऐसे में नीतीश कुमार को आरसीपी सिंह खटकने लगे, जब उनका राज्यसभा कार्यकाल समाप्त हो गया तो उन्हें जदयू ने दोबारा टिकट दिया ही नहीं उनकी जगह झारखंड के खीरू महतो को राज्यसभा का सांसद बना दिया गया ऐसे में आरसीपी सिंह बिना किसी सदन के सदस्य रहे डेढ़ महीने तक तो केंद्र में मंत्री रहे लेकिन आखिरकार जुलाई में उन्हें इस्तीफा देना ही पड़ा और इसके बाद उनसे पटना का आवास ले लिया गया और वह अपने पुश्तैनी आवास नालंदा के मुस्तफापुर में जाकर रहने लगे, इस दौरान उन्होंने कई राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।

जब आरपीसी सिंह नालंदा के अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेने गए तो उनके समर्थक उनके पक्ष में नारेबाजी करने लगे समर्थक बिहार का मुख्यमंत्री कैसा हो आरपीएससी सिंह जैसा हो नारे लगा रहे थे यह बात सब सीएम नीतीश कुमार तक पहुंची तो उन्हें नागवार गुजरी क्योंकि नालंदा सीएम नीतीश कुमार का भी गृह जिला है और वहां उनके विरोध में नारेबाजी जदयू को रास नहीं आया वहीं जदयू को गुप्त सूचना के आधार पर यह सूचना प्राप्त हुई कि आरपीसी सिंह पार्टी तोड़ सकते हैं, बिहार में भी महाराष्ट्र वाला गेम होने वाला था लेकिन इससे पहले ही उसकी सूचना मिल गई और ऑपरेशन आरसीपी शुरू हो गया उसी का नतीजा है कि उनके खिलाफ अकूत संपत्ति का नोटिस किया, यह वही जदयू है जिसके सर्वेसर्वा आरसीपी सिंह हुआ करते थे और उनके आदेश के बगैर एक पत्ता भी नहीं हिलता था अब जदयू ने उन्हें कटघरे में खड़ा कर दिया है। ‌

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