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सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राजभवन में ही प्रेस कॉन्फ्रेंस की इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को 7 पार्टियों के 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है इस दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव भाजपा पर खूब बरसे, उन्होंने कहा कि भाजपा का कोई गठबंधन सहयोगी नहीं है इतिहास बताता है कि भाजपा उन दलों को नष्ट कर देती है जिनके साथ में गठबंधन करती है हमने देखा कि पंजाब महाराष्ट्र में क्या हुआ।
इससे पूर्व राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश ने राजभवन में कहा था कि पार्टी के विधायक और सांसदों ने एक स्वर में एनडीए गठबंधन तोड़ने की बात कही है, वहीं भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नीतीश कुमार पर धोखा देने का आरोप लगाया है उन्होंने कहा कि 2020 में नीतीश भाजपा के साथ क्यों थे, इसके बाद 2017 में भी वे साथ आए, 2019 में लोकसभा और 2020 में विधानसभा चुनाव भी मिलकर लड़ा अब ऐसा क्या हुआ जो हम खराब हो गए।
राजद विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ने 115 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी नीतीश कुमार को सौंपी है, सूत्रों के मुताबिक नई सरकार के गठन से पहले तेजस्वी ने गृह मंत्रालय मांगा है जो अब तक नीतीश के पास था पिछली सरकार में तेजस्वी यादव के पास पथ निर्माण विभाग था, पिछले वर्ष बजट सत्र में विधानसभा में हुए हंगामे और विपक्षी विधायकों की ओर से स्पीकर विजय कुमार सिन्हा कि साथ किए गए दुर्व्यवहार मसले पर विधानसभा की आचार समिति की सिफारिश के आधार पर 14 विधायकों की सदस्यता पर तलवार लटकी हुई है।
राज्य में जारी सियासी गतिविधि के बीच इस मसले पर भी फैसले लिए जाने की आशंका जताई जा रही है, दरअसल आचार समिति की सिफारिश अभी स्पीकर के स्तर पर विचाराधीन है, उस रिपोर्ट में क्या कार्रवाई की अनुशंसा की गई है, यह सदन में पेश होने के बाद पता चलेगा पर सूत्रों की मानें तो 14 आरोपी विधायकों की सदस्यता जाने का खतरा बरकरार है।