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फर्जी सर्टिफिकेट पर चयनित ग्रामीण डाक सेवकों खिलाफ डाक विभाग कार्रवाई में जुटी

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Bihar: डाक विभाग में ग्रामीण डाक सेवकों के 4 चरणों की बहाली में 90% से अधिक अभ्यर्थी फर्जी पाए गए हैं उत्तर बिहार के 9 मंडलों में ऐसे मामले सामने आए हैं, अकेले तीसरे और चौथे चरण की बहाली में ही 647 अभ्यर्थियों में से 592 की सर्टिफिकेट फर्जी मिले, कई नेताओं 3-3 लाख में फर्जी सर्टिफिकेट बनवाने की बात कबूल की है, इसे ही देखते हुए तंग आकर डाक विभाग के द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र पर चयनित डाक सेवकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में जुट गई है।

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‌पहले चरण के बहाली में पहली बार मुजफ्फरपुर में 12 सर्टिफिकेट वाले फर्जी पकड़े गए थे इन सभी खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी थी, साथ ही दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, पश्चिमी चंपारण, सारण और आरएमएस के यू डिविजन में भी फर्जी सर्टिफिकेट वालों की धर-पकड़ के लिए आदेश जारी किए जा चुके हैं, पूछताछ में अभ्यर्थी ने बताया कि तीन लाख तक सौदा हुआ था, पुलिस इन सभी के नाम, पते के साथ फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाली कराने वाले गिरोह का पता लगाने में जुट गई है।

कुछ डाक अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी बहाली भी हुई है, डाक अधिकारियों की मिलीभगत के कारण 2003 से लेकर 2018 तक ग्रामीण डाक सेवकों के पद पर बहाली की गई, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर जिले से प्राप्त अलग-अलग शिकायतें के आधार पर सीबीआई में 12 एफआईआर दर्ज है, अधिकतर मामलों में आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं इसमें फर्जी कागजात पर बहाल 70 ग्रामीण डाक सेवक बर्खास्त किए जा चुके हैं, साथ ही फर्जी बहाली में संलिप्त 3 डाक अधिकारी भी बर्खास्त हाे चुके हैं।

मुजफ्फरपुर के डाक सेवा निदेशक शंकर प्रसाद ने बताया कि ग्रामीण डाक सेवकों की बहाली में लगातार फर्जी सर्टिफिकेट वाले सामने आ रहे हैं, चार चरण की बहाली में अंतिम रूप से महज 5% अभ्यर्थी ही नियुक्त हाे सके पिछले छह वर्ष से लगातार बहाली हाेने के बावजूद मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सारण, सीवान तथा आरएमएस के यू डिविजन में डाक सेवकों के 1000 से अधिक पद रिक्त हैं।

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