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दरअसल बुधवार को विजय कुमार कारगिल चौक पर ऑटो वाले से झगड़ा कर रहा था और खुद को डीएसपी बताकर ऑटो ड्राइवर पर धौंस दिखा रहा था अपना नकली आईडी दिखा रहा था इसी बीच गांधी मैदान थाना की पुलिस की टीम वहां पहुंची जिसके बाद सब इंस्पेक्टर को विजय कुमार की बॉडी लैंग्वेज से शक हुआ उन्होंने उसके आईडी कार्ड की जांच की जिस पर डीजीपी या किसी सीनियर पुलिस अधिकारी सिग्नेचर नहीं मिला तब सबइंस्पेक्टर का शक और गहरा हुआ और उसे थाने लाकर पूछताछ की गई फिर पूरी असलियत सामने आयी, पुलिस के अनुसार विजय कुमार भारती पटना में शास्त्री नगर में अपनी बहन के घर आकर कंपटीशन की तैयारी करता था कई बार एग्जाम देने के बाद भी सफलता नहीं मिली सरकारी नौकरी को लेकर परिवार का अलग से दबाव था ऐसे में उसने एक पुलिस की वर्दी खरीदी और फर्जी आईडी कार्ड बनाया और इस शातिर खेल को शुरू कर दिया।
उसने अपने परिवार को भी बताया था कि वह डीएसपी बन गया है परिवार के दबाव पर एक बार वर्दी पहनकर गांव भी गया था तब उस वक्त उसके परिवार वाले झांसे में आ गए उसने अपने परिवार से कहा कि अभी सैलरी नहीं मिल रही है, पुलिस जांच में पता चला है कि उसने पुलिस की वर्दी के गलत इस्तेमाल भी किया है एक बार गांव में किसी के साथ पिता का जमीन विवाद चल रहा था उस मामले में पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था तब पैरवी करने के लिए डीएसपी के ऑफिस पैरवी करने गया था, उस वक्त पुलिस जब फर्जीवाड़े को समझ पाती तब तक वह फरार हो गया था फिलहाल पुलिस ने उसके पास से नकली मुहर, पुलिस की वर्दी और काफी सारा सामान बरामद किया हैं।