Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
पटना प्रमंडल के आयुक्त में पदस्थापित एडीएम सूरज कुमार सिन्हा ने लिखित आवेदन में कहा है कि फुलवारीशरीफ के मौर्य विहार कॉलोनी रोड नंबर-3 स्थित मानस हॉस्पिटल में 21 दिसंबर को उनके 16 वर्षीय पुत्र ड्रग एडिक्ट आयुष कुमार को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था हॉस्पिटल का संचालन डॉक्टर संतोष कुमार करते हैं, 25 दिसंबर को अपने बेटे से मिलने गए थे जहां मिलने नहीं दिया गया दोबारा 4 जनवरी को मिलने गए तो उनके बेटे ने शिकायत की कि सुजीत नाम का एक स्टाफ उनके साथ 22 और 29 दिसंबर को मारपीट किया था जिससे जबड़े और पेट में चोट आई थी एडीएम ने बेटे की कहीं बात के आधार पर आरोप लगाया कि हॉस्पिटल के लोग ने सीसीटीवी कैमरा बंद कर पिटाई करते थे डॉक्टर से बात करनी चाही तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया बेटे की शिकायत को स्टाफ से जिक्र करते हुए कहा कि अब ऐसा नहीं होना चाहिए।
बेटा ने यह भी कहा था कि पापा मुझे यहां से ले चलें. इस विषय पर डॉ संतोष से बात करनी चाही तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया, 12 जनवरी को डॉक्टर संतोष कुमार ने कॉल किया कि उनकी बेटे की हालत खराब हो गई है और बीपी और पल्स काफी नीचे है जिसके बाद हमने कहा कि एम्स अस्पताल में एडमिट करे किसी तरह वे लोग पटना एम्स ले गए, एम्स में सीटीवीएस विभाग के वार्ड आइसीयू के वेंटीलेटर में पाया जहां डॉक्टर ने बताया कि मरीज को सीपीआर देकर एम्स लाया गया था, वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया आयुष के शरीर पर चोट के निशान थे।
इस मामले में आरोपी डॉक्टर सामने नहीं आ रहे हैं लेकिन उन्होंने बताया कि आयुष नशे का आदी था और छुटकारे के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था एडीएम के सारे आरोप निराधार हैं सीसीटीवी फुटेज ऑफ नहीं हुआ रिकॉर्डिंग भी है लड़के की हालत बिगड़ गई थी उसे सीपीआर दिया गया मृतक के शरीर पर लाल निशान है वह सीपीआर देने के बाद होता है किसी तरह की कोई मारपीट नहीं हुई है फिलहाल पोस्टमार्टम के लिए शव को भेज दिया गया है अब रिपोर्ट आने का इंतजार है।
इस मामले में पुलिस ने फुलवारीशरीफ थाने में 50/23 कांड संख्या दर्ज कर लिया है और कार्रवाई में जुट गई है फुलवारी शरीफ एएसपी मनीष कुमार ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर ली गयी है, पुलिस सारे तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अनुसंधान कर रही है पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।