Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र में वैसे सभी निजी क्लीनिक जो अवैध रूप से संचालित है, वैसे निजी क्लीनिक पर प्रशासन का डंडा बहुत ही जल्द चलने वाला है, अवैध रूप से संचालित क्लीनिक को जल्द ही प्रशासन के द्वारा बंद करवाया जाएगा, वैसे क्लिनिकों की पहचान करने के बाद तैयार सूची के आधार पर जिला से कार्यवाही करवाने के निर्देश भी प्राप्त हो चुके हैं।
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चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों में अवैध रूप से काफी संख्या में झोलाछाप डॉक्टरों की निजी क्लीनिक संचालित हो रहे हैं, हालांकि इस तरह के क्लीनिक चैनपुर प्रखंड में ही नहीं, कैमूर के लगभग सभी प्रखंडों में संचालित है, कुछ समय पूर्व ही भगवानपुर में पैर के हड्डी का इलाज करवाने पहुंचे, एक व्यक्ति काशीनाथ सिंह की मौत हो गई, मामले में काफी हंगामा भी हुआ, बाद में जांच पड़ताल के बाद सम्बंधित निजी चिकित्सालय को सील कर दिया गया, जिसके पास भगवानपुर में संचालित अन्य निजी चिकित्सालयों की जांच चल रही है, चैनपुर प्रखंड क्षेत्र में भी लगभग 1 वर्ष पूर्व बच्चा चोरी का मामला सामने आया था, जिसमें एक महिला अनीता देवी के द्वारा एक निजी महिला चिकित्सक के ऊपर बच्चा चोरी के आरोप लगाए गए थे।
हालांकि जांच के दौरान पूरा मामला झूठा निकला था, मगर उस दौरान जिला से प्राप्त निर्देश के आधार पर काफी संख्या में हाटा, खरिगांवा, करजी करजांव, चैनपुर आदि स्थलों पर संचालित हो रहे अस्पतालों की जांच की गई थी, कई निजी क्लीनिक फर्जी पाए गए, जिसके बाद यह अभियान कई चरणों में चलाए गए, कई संचालित निजी चिकित्सालय बिना रजिस्ट्रेशन संचालित होता हुआ पाया गया, इन सभी क्लिनिकों की एक सूची तैयार हुई थी, जिसके बाद सभी निजी चिकित्सालय के पास नोटिस जारी करते हुए चैनपुर सीएचसी के माध्यम से अस्पताल संचालन से संबंधित रजिस्ट्रेशन एवं चिकित्सीय प्रमाणपत्र आदि की मांग की गई, नोटिस के बाद काफी संख्या में लोगों के द्वारा तो जवाब भी नहीं दिया गया, जिसके बाद यह सूची जिला में भेज दी गई जहां से अब उन सभी निजी चिकित्सालय पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
इससे जुड़ी जानकारी लेने पर चैनपुर सीएचसी प्रभारी डॉ राज प्रसाद के द्वारा बताया गया अवैध रूप से संचालित प्रखंड क्षेत्र के सभी चिकित्सालय आदि की जांच जिला से प्राप्त निर्देश के आधार पर इनके द्वारा किया गया था, कई निजी अस्पताल के चिकित्सा पहुंचने के पहले ही बंद करके भाग गए, जिन जिन अस्पतालों में जांच हुई, उन अस्पतालों की एक सूची तैयार कर जिला में भेजी गई थी, जहां से उन सभी निजी चिकित्सालय जो अवैध रूप से संचालित है उन्हें बंद करवाने के और कार्रवाई के निर्देश प्राप्त हो चुके हैं, जल्द ही कार्रवाई करते हुए सभी अवैध रूप से संचालित निजी चिकित्सालय को बंद करवाते हुए कार्रवाई की जाएगी।