Bihar: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, IRCTC घोटाला मामले में सीबीआई के स्पेशल जज गीतांजलि गोयल की कोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी किया है, जिसमें पूछा गया है उनकी जमानत क्यों न रद्द की जाए, जवाब के लिए उन्हें 28 सितंबर तक समय मिला है, ससमय अगर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के द्वारा नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है तो उनकी जमानत रद्द हो सकती है और गिरफ्तारी भी हो सकती है।
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दरअसल बीते 25 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के द्वारा कहा गया था, क्या सीबीआई अधिकारियों की मां और बच्चे नहीं होते, क्या उनका परिवार नहीं है, क्या वह हमेशा सीबीआई अधिकारी रहेंगे, क्या वह रिटायर नहीं होंगे, सिर्फ यही पार्टी सत्ता में रहेगी, आप क्या संदेश देना चाहते हैं? आपको संवैधानिक संगठन के कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए।
जिसके बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के इसी बयान को सीबीआई ने गंभीरता से ले लिया। रोज एवेन्यू कोर्ट अपील में जांच एजेंसी ने कहा कि बिहार के डिप्टी सीएम सीबीआई के अधिकारियों को धमकी दे रहे हैं, वह जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका प्रभाव जांच पर पड़ सकता है।
जिसके बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को IRCTC घोटाला मामले में सीबीआई के स्पेशल जज गीतांजलि गोयल की कोर्ट ने नोटिस जारी किया है, जिसमें पूछा गया है कि क्यों ना उनकी जमानत रद्द की जाए।
वहीं इस मामले में हाईकोर्ट के एक सीनियर एडवोकेट का कहना है कि तेजस्वी यादव ने एक पॉलिटिकल स्टेटमेंट दिया था, उनका यह बयान सीबीआई की कार्रवाई के बाद आया था, ऐसे में इस तरह के बयान पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, अपने स्पष्टीकरण में वह इस पक्ष को और रख सकते हैं, अब इस मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के द्वारा अपने स्पष्टीकरण में क्या जवाब दिया जाता है और उस स्पष्टीकरण पर सीबीआई के स्पेशल कोर्ट के द्वारा क्या निर्णय लिया जाता है यह तो नोटिस के जवाब के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।