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दिल्ली की मीडिया में सोमवार को छपी खबरों का हवाला देते हुए कहा कि लालू प्रसाद के दबाव में बिहार सरकार सीबीआई को पूर्व में दिए गए जनरल कंसेंट को वापस ले रही है, यदि ऐसा है तो साफ है कि नीतीश वर्तमान स्थिति में दबाव में आ गए हैं वास्तविक मुख्यमंत्री लालू यादव और तेजस्वी यादव है ऐसे में नीतीश कुमार और को सुझाव देना चाहूंगा किहाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में भी एक पेंटीशन फाइल कर दें कि लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार के विरुद्ध किसी प्रकार का ना कोई अपराधिक मामला है ना ही भ्रष्टाचार का कोई मामला है।
वे कोर्ट में लिखकर दें दे कि लालू यादव निर्दोष हैं, उन्होंने कहा कि बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी उसे हलाल तो होना ही है, कुछ ऐसी ही हालत मुख्यमंत्री की है इस बात को लेकर अब हमें शंका होने लगी है क्योंकि स्थिति अब बनने लगी है जो जदयू को तोड़कर कभी भी लालू यादव अपने लड़के को सीएम बना सकते हैं वह बस चंद कदम दूर हैं।
इस दौरान उन्होंने बीते दिनों पटना में शिक्षकों के प्रदर्शन के दौरान एक शिक्षक की बेरहमी से पिटाई के मामले को भी उठाया और कहा कि संबंधित मामले में मुख्यमंत्री को बोलना चाहिए कि जांच के साथ कार्रवाई होगी क्योंकि गृह मंत्रालय उनके पास है लेकिन ऐसा नहीं हुआ तेजस्वी यादव कूदकर आगे आए और कहा कि जांच होगी लेकिन इस मामले में 10 दिन बीत गए ना तो जांच हुई और ना ही कोई कार्रवाई की गई।