Home बिहार पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट...

पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की

पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी

Bihar: बिहार में नगर निकाय चुनाव की घोषणा राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा एक बार फिर से कर दी गई है लेकिन पिछले दिनों राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा दो चरणों में चुनाव की तिथि घोषित करने के बाद कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं, पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने इस पर सवाल करते हुए कहा कि नगर निकाय चुनाव को लेकर बिहार सरकार ने जल्दबाजी दिखाई है राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है आने वाले दिनों में सरकार की फजीहत होने वाली है। ‌

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

नगर निकाय चुनाव

[su_posts template=”templates/teaser-loop.php” posts_per_page=”1″ tax_term=”115″ order=”desc”]

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जो रिपोर्ट बनाई गई है उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए और नए लोगों को भी चुनाव लड़ने की छूट मिलनी चाहिए जो चुनाव लड़ने वाले हैं वह पैसा खर्च ना करें क्योंकि 1 सप्ताह के अंदर कुछ भी हो सकता है, नगर निकाय चुनाव को लेकर सुशील मोदी के चुनाव टलने के दावे के बाद जदयू और राजद ने सवाल खड़ा करते हुए चुनाव रोकने की साजिश करार दिया है।

[su_posts template=”templates/teaser-loop.php” posts_per_page=”1″ tax_term=”114″ order=”desc”]

इसे लेकर जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार आयोग को रिपोर्ट बना कर दिया गया राज्य निर्वाचन आयोग ने तारीखों की घोषणा की है इसमें सुशील मोदी को क्या तकलीफ है, सुशील मोदी चुनाव को हटाना चाहते हैं इसलिए ऐसे बयान दे रहे हैं सुशील मोदी का चुनाव को रोकना है, वहीं वित्त मंत्री विजय चौधरी ने बताया कि सुशील मोदी नहीं चाहते कि चुनाव हो और अति पिछड़ों को आरक्षण मिले, बीजेपी हमेशा अतिपिछड़ों के खिलाफ रही है इसलिए ऐसे बयान दे रहे हैं।

[su_posts template=”templates/teaser-loop.php” posts_per_page=”1″ tax_term=”40″ order=”desc”]

दरअसल बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयोग बनाया और रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपी जिसके बाद चुनाव की तिथियों की घोषणा हुई अब राज्य सरकार द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर सवाल खड़ा किया जा रहा है और नए लोगों को चुनाव लड़ने नहीं देने के बजाय उनके पुराण के नामांकन वाले लोगों को ही चुनाव लड़ने की अनुमति देने पर सवार खिला किया गया है। ‌

[su_posts template=”templates/teaser-loop.php” posts_per_page=”1″ tax_term=”77″ order=”desc”]

Exit mobile version