Home चैनपुर सिरबीट में निजी बोरिंग को सरकारी दिखाकर लाखों का गमन

सिरबीट में निजी बोरिंग को सरकारी दिखाकर लाखों का गमन

Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत सरबीट में पंचायत के मुखिया एवं पंचायत सचिव की मिलीभगत से निजी एवं स्थानीय लोगों के सहयोग से लगाए गए धार्मिक स्थलों पर बोरिंग को नया सरकारी बोरिंग दिखाकर राशि का गबन कर लिया गया, इस तरह का आरोप स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा लगाया जा रहा है, इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने चैनपुर बीपीआरओ शुशेंद्र सिंह पाल के पास एक आवेदन देते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग भी की गई है।

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इससे जुड़ी जानकारी देते हुए ग्राम पंचायत सिरबीट के उप मुखिया रत्नेश चौबे वार्ड संख्या 9, वार्ड संख्या 11 की शिला देवी सहित अन्य के द्वारा बताया गया गांव के मुखिया एवं पंचायत सचिव के द्वारा मिलकर निजी कार्यों को सरकारी कार्य बता कर सरकारी राशि का भारी गमन किया गया है, जिसके तहत ग्राम सिरबीट वार्ड संख्या 11 एवं वार्ड में बिना कार्य करें सरकारी राशि निकल ली गई है।

ग्राम मसोई काली मंदिर के स्थान पर लगाए गए पुराने चापाकल को नया बोरिंग दिखाते हुए राशि निकाल ली गई, ग्राम कुरई में शंकर जी के स्थान पर गांव समाज के माध्यम से लगवाए गए चापाकल को सरकारी चापाकल दिखाकर राशि निकाली गई, ग्राम सिरबीट में मोहन यादव के घर के पास पुराने चापाकल पर राशि निकाल ली गई है, इस तरह के अन्य और भी निजी चापाकल को दिखाकर सरकारी राशि निकाली गई है।

ग्रामीणों के द्वारा बताया गया गांव के मुखिया रामानंद पासवान एवं पंचायत सचिव के द्वारा गांव में घूम घूम कर वैसे चापाकल जो या तो किसी के माध्यम से निजी लगाए गए थे, या गांव वालों के द्वारा चंदा इकट्ठा करके बोरिंग करवाया गया है, खास करके मंदिर एवं सार्वजनिक स्थलों पर वहां की पूरी जानकारी ग्रामीणों से ले ली जा रही है, जिसके बाद उसे सरकारी योजना के तहत बोरिंग की गई है, ऐसा दिखा कर प्रत्येकपर 97000 की निकासी हुई है।

इस तरह के गमन पूरे सिरबीट पंचायत में एक दर्जन से अधिक हुए हैं, इस तरह की जानकारी लोगों को शुरुआती दौर में जब मिली तो निवर्तमान पंचायत सचिव राम सेवक यादव से पूछताछ की गई तो पूरे मामले का खुलासा हुआ जिसके बाद ग्रामीणों के द्वारा शिकायत की गई है।
वहीं इस मामले में ग्रामीण जब बीपीआरओ शुशेंद्र सिंह पाल के पास आवेदन देने पहुंचे तो बीपीआरओ के द्वारा आश्वासन दिया गया है, मामले में जांच करवाई जाएगी अगर निजी कार्यों को दिखाकर सरकारी राशि का गमन किया गया है तो संबंधित मुखिया एवं पंचायत सचिव से राशि की रिकवरी होगी एवं सभी पर प्राथमिकी दर्ज करवाई जाएगी।

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