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जलस्तर में तेज वृद्धि केचलते तटबंधों पर दबाव बढ़ गया है, पिपराही घाट, बेलवा घाट, अदौरी घाट और मोहारी घाट पर नदी में उफान दिख रहा है, इसकी वजह से पिपराही प्रखंड के बेलवा, नरकटिया, इनरवा, माधोपुर, पिपराही पुनर्वास, दोस्तियां, अदौरी, बराही जगदीश, मोहारी, चक सुरगाही, सुरगहिया, मझौरा, विशंभरपुर और तरियानी छपरा समेत दर्जनों गांवों के लोग दहशत में हैं, जान माल के अलावा फसलों की बर्बादी की आशंका से किसान सशंकित है।
बाढ़ की संभावना को लेकर जल संसाधन विभाग की टीम अलर्ट मोड में है बेलवा घाट में निर्माणाधीन डैम की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, वहीं अभियंताओं के नेतृत्व में मजदूरों की टीम नजर रख रही है, बताते चलें कि इस साल जून महीने में बागमती नदी में तीन बार उफान आया था जिस वजह से निचले इलाकों में 15 दिनों तक बाढ़ का पानी पसरा था, स्टेट हाईवे पर पानी की वजह से 22 दिनों तक शिवहर का पूर्वी चंपारण जिले के देवापुर और ढाका से सड़क संपर्क भंग रहा था।
जुलाई माह में नदी की धारा खामोश हो गई थी 31 जुलाई से जलस्तर में वृद्धि शुरू हो गई है और अब जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है पिछले 12 घंटे के भीतर बागमती नदी के जलस्तर में 80 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है वर्तमान में लाल निशान से महज 20 सेंटीमीटर नीचे बह रही है।