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जानकारी के अनुसार ईट भट्टा पर गया जिला टेकारी निवासी मजदूर सपरिवार कार्यरत हैं कबूतर मारने के लिए झोपड़ी में गुड़ में फ्यूराडान नामक कीटनाशक मिलाकर रखे थे, ग्रामीण क्षेत्रों में इसे तुरंता नाम से लोग जानते हैं, सब्जी के पौधों में लगने वाले कीड़ों को मारने के लिए इसका जड़ के समीप मिट्टी में मिलाकर प्रयोग किया जाता है, मजदूरों के बच्चे नहीं समझ पाये और गुड़ खा गए।
इस गुड़ को खाते ही उपेंद्र के पुत्र टेनी, ललन के पुत्र अकेंद्र, शिवदहिन के पुत्र आकाश, जितेंद्र के पुत्र राहुल, कस्तूरी के पुत्र राजकपूर व सूरज व मुन्ना मांझी के पुत्र रोहित का नाम शामिल है, गुड़ खाते ही थोड़ी देर में बच्चों की स्थिति बिगड़ने लगी जिसे देखकर परिवार में कोहराम मच गया बच्चों को इलाज के लिए मोहनिया के डॉ भृगुनाथ सिंह मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया, अस्पताल में इलाजरत 3 बच्चों की स्थिति चिंताजनक है।