Bihar, कैमूर: जिले के भभुआ प्रखंड क्षेत्र के रहने वाले नीतीश कुमार ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से आईपीएस बनकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उनकी सफलता से पूरा इलाका गौरवान्वित महसूस कर रहा है। तीन माह की ट्रेनिंग पूर्ण कर जब नीतीश कुमार अपने गांव पहुंचे, तो ग्रामीणों ने बैंड-बाजे के साथ उनका भव्य स्वागत किया। गांव की गलियों में घूमते हुए उन्होंने सभी बड़ों से आशीर्वाद लिया और युवाओं को प्रेरित किया।
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नीतीश कुमार का जन्म 5 अगस्त 2002 को हुआ था। उनके पिता विदेशी राम, जो वर्तमान में कश्मीर में बीएसएफ में हवलदार के पद पर तैनात हैं, हमेशा से उन्हें उच्च शिक्षा और अनुशासन के लिए प्रेरित करते रहे। तीन भाई-बहनों में वे दूसरे नंबर पर हैं। बड़ा भाई भी दिल्ली में रहकर सिविल सेवा की तैयारी कर रहा है, जबकि उनकी छोटी बहन पढ़ाई कर रही है।
नीतीश की प्रारंभिक पढ़ाई रोज वर्ल्ड स्कूल, भभुआ से हुई। इसके बाद उन्होंने डीएवी रतवार से 2018 में मैट्रिक तथा चिल्ड्रन गार्डन, भभुआ से 2020 में आईएससी पूरा किया। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय बीएचयू, वाराणसी से 2023 में पॉलिटिकल साइंस में बीए ऑनर्स किया।
बीए के बाद उन्होंने दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहकर यूपीएससी की तैयारी शुरू की। वर्ष 2024–25 के सिविल सेवा परीक्षा में बिहार कैडर से उन्होंने हिस्सा लिया। 22 अप्रैल 2025 को घोषित परिणाम में उन्हें देशभर में 771वीं रैंक हासिल हुई। इस परीक्षा में कुल 1100 सीटों के लिए चयन प्रक्रिया हुई थी, जिसमें 1009 अभ्यर्थी सफल हुए।
इसके बाद 22 अगस्त 2025 से मसूरी, देहरादून में उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई, जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक तीन महीनों में पूरा किया। ट्रेनिंग के उपरांत अपने गांव लौटे तो पूरा माहौल उत्सव जैसा था। उनकी उपलब्धि ने न केवल परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र को प्रेरणा दी है।