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सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए जमीअत उलमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद अरशद मदनी ने कहा कि संविधान की रक्षा करना हम सब की जिम्मेदारी है, आज देश का संविधान अगर धर्मनिरपेक्ष है तो जमीअत उलमा हिंद की ही देन है क्योंकि आजादी की लड़ाई से पहले हमारे नेताओं ने महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू से कहा था कि जब यह देश आजाद होगा तब यह एक लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश होगा।
हम देश के बंटवारे के कभी भी पक्षधर नहीं रहे और न हैं हम देश के बंटवारे के खिलाफ थे और आज भी हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मुट्ठी भर लोग पक्षधर के साथ थे और देश का बंटवारा हो गया जब देश का बंटवारा हुआ तो एक छोटा समूह इस बात पर अड़ा था कि देश का संविधान धार्मिक होगा लेकिन जमीयत ने महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू से कहा कि आपने वादा किया था कि देश का संविधान धर्मनिरपेक्ष होगा आपके उस वादे के सारे दस्तावेज हमारे पास सुरक्षित हैं।
यह सम्मेलन लोकतंत्र की रक्षा की दिशा में एक पहल है, उन्होंने लोगों से अपील किया कि आप देशवासियों के सुख-दुख के सहभागी बनें देश, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता पर मंडरा रहे खतरों को खत्म करने के लिए एकजुटता दिखाएं, जमीअत उलमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मदनी ने कहा कि देश के संविधान की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है यह केवल मुसलमानों की जिम्मेदारी नहीं है उन्होंने मदरसों के पदाधिकारियों से अपने कार्यक्रमों में सभी धर्म व समाज से जुड़े भाई बहनों को बुलाने का आह्वान किया ताकि वो देख और समझ सकें कि मदरसों में इंसानियत और देशप्रेम की शिक्षा दी जाती है।