कैमूर, बिहार: बिहार की राजनीति में एक बार फिर से पलटी की चर्चा तेज हो गई है। चैनपुर विधानसभा से तीन बार विधायक और पूर्व मंत्री रह चुके बृज किशोर बिंद ने भाजपा का साथ छोड़ते हुए राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली है। जैसे ही उन्होंने राजद का दामन थामा, वैसे ही एनडीए सरकार पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार को “जंगल राज” की संज्ञा दी और जदयू नेता एवं मंत्री मोहम्मद जमा खान को “जुमला” करार दिया।
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भाजपा में रहते राजद पर हमला, अब राजद को बताया साफ-सुथरी पार्टी
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार की राजनीति में यह आम परंपरा बन चुकी है कि जब नेता किसी पार्टी में रहते हैं, तो उसे सबसे बेहतर बताते हैं और जैसे ही पार्टी बदलते हैं, पुराने दल को भ्रष्ट और निकम्मा कहने लगते हैं। ऐसा ही हाल बृज किशोर बिंद का भी है। भाजपा में रहते हुए वह राजद को “जंगल राज” की पार्टी कहते थे, लेकिन अब राजद में शामिल होने के बाद उन्होंने भाजपा पर ही जंगल राज का आरोप मढ़ दिया।
नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप
विजयदशमी के दिन चैनपुर पहुंचे पूर्व मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा –
अधौरा में हत्या कर शव पेड़ से लटका दिया गया
चैनपुर में महिला से दुष्कर्म के बाद हत्या हुई
भभुआ में शव नदी में फेंका गया
सरकारी दफ्तरों में खुलेआम घूसखोरी
किसानों को मुआवजा दिए बिना जमीन छीन ली गई
उन्होंने कहा कि यह सब घटनाएं साबित करती हैं कि बिहार में सुशासन नहीं बल्कि जंगल राज कायम है।
मेडिकल कॉलेज को बताया “जुमला”
पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि चैनपुर में मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा सिर्फ चुनावी जुमला है। उन्होंने कहा – “मैं गारंटी के साथ कह सकता हूं कि मेडिकल कॉलेज नहीं बनेगा, यह केवल जनता को भ्रमित करने के लिए कहा जा रहा है। मंत्री जमा खान स्वयं जुमला हैं।”
बृज किशोर बिंद का राजनीतिक सफर
2005: बीएसपी से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए
2008: चैनपुर उपचुनाव में भाजपा का दामन थामकर जीते
2010: भाजपा से दोबारा विधायक चुने गए और मंत्री बने
2015: तीसरी बार भाजपा से विधायक बने
2020: बसपा प्रत्याशी मोहम्मद जमा खान से हार गए
2025: चर्चाओं के बीच राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली
आगामी चुनाव में चैनपुर सीट पर कड़ा मुकाबला
राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज है कि 2025 के चुनाव में मोहम्मद जमा खान जदयू के टिकट से चैनपुर विधानसभा से उतर सकते हैं। वहीं, बृज किशोर बिंद अब राजद की ओर से मैदान में उतर सकते हैं। कैमूर की चारों विधानसभा सीटें अब तक भाजपा का गढ़ मानी जाती रही हैं, लेकिन इस बार समीकरण बदल सकते हैं।
अब देखना होगा कि जनता आगामी चुनाव में किस पर भरोसा जताती है – भाजपा, जदयू या फिर राजद के बृज किशोर बिंद पर।