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आंदोलनकारी शिक्षकों के साथ बातचीत की पहल करने की बात भी उन्होंने कही थी लेकिन वह भी नहीं हुआ, उल्टे शिक्षकों पर दमन चलाया जा रहा है, इससे निराशा और आक्रोश बढ़ रहा है शिक्षकों के मोर्चा में 14 संगठन के लोग हैं इनमें से 13 संगठनों के नेताओं को सस्पेंड किया गया है, इससे बातचीत का माहौल बिगड़ेगा सौहार्दपूर्ण माहौल नहीं रह जाएगा इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हमारी मांग है कि वे तत्काल वार्ता करेंगे मांगें साफ हैं कि शिक्षकों को बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा दें डोमिसाइल के मुद्दे पर भी विचार करें।
वही टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक का कहना हैं कि वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधान सभा के मानसून सत्र में वक्तव्य दिया था कि वार्ता होगी, अब तक शिक्षक उनके आश्वासन पर रुके हुए हैं, आंदोलन में शामिल शिक्षकों पर तरह-तरह की कार्रवाई हो रही है, इस पर सरकार रोक लगाए और अविलंब वार्ता करें।