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राजपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने संबंधित करते हुए कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था में काफी बदलाव की जरूरत है। विश्व स्तर के दो विश्वविद्यालय थे। लेकिन अब के विश्वविद्यालय में ऐसी स्थिति नहीं है जहां लोग सिर्फ नौकरी के लिए पढ़ाई करना चाहते हैं। उन्होंने कहा यहां के बच्चों को 12वीं के बाद पढ़ने के लिए बाहर जाना पड़ता है। मुझे उस दिन का इंतजार है कि हमारे यहां बाहर के बच्चे पढ़ने आये। मैंने कई बार सरकार को कहा हैं कि विश्वविद्यालय अतिथि शिक्षकों के भरोसे नहीं चल सकती, यहां पर अब परमानेंट शिक्षकों की आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि हमें ऐसी शिक्षा पर जोर देने की जरूरत हैं जिससे हमारे बच्चे जॉब लेने वाले नहीं जॉब देने वाले बने।