Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर सहित पूरे प्रदेश में 30 दिनों से जारी आशा एवं फैसिलिटेटर की हड़ताल को अब राजनीतिक समर्थन प्राप्त होने लगा है, शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर हड़ताल के दौरान धरने पर बैठी आशा से मिलने चैनपुर के पूर्व विधायक एवं बिहार सरकार के पूर्व खनन मंत्री बृजकिशोर बिंद पहुंचे।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
उन्होंने कहा कि आशा की मांग जायज बताया और कहा इस पर सरकार को विचार करना चाहिए लेकिन महागठबंधन की सरकार को अपने कर्मियों की चिंता नहीं है, भाजपा सहित पूरा एनडीए आशा एवं शिक्षकों की मांग को लेकर विधानसभा मार्च करने के लिए पटना में जुटी थी, जहां सरकार के द्वारा पुलिसिया गुंडों से भाजपा कार्यकर्ताओं को पीटवाया गया, सरकार के द्वारा जहानाबाद के एक भाजपा कार्यकर्ता की हत्या भी की गई।
जब से महागठबंधन की सरकार प्रदेश में बनी है, बिहार में अपराध अपने आप बढ़ने लगा है, उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा यह सरकार अपराध पर लगाम लगाने में पूरी तरह विफल है, पूरे प्रदेश की आशा एवं फैसिलिटेटर एक महीने से हड़ताल पर हैं लेकिन सरकार के तरफ से उनकी मांगों पर कोई भी विचार नहीं किया जा रहा है जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार को अपने ही कर्मियों की कोई चिंता नहीं है, आशा की आवाज एनडीए उठाएगी और सदन से लेकर सड़क तक उनकी आवाज को बुलंद करेगी, इस दौरान आशा ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तब तक उनके हड़ताल जारी रहेगा।
वहीं मौके पर मौजूद कुछ लोगों के द्वारा कहा जाने लगा कि जिस समय जदयू और भाजपा की सरकार थी उसे समय भी आशा के द्वारा अपनी मांगों को लेकर हड़ताल किया गया था उस समय तो भाजपा के द्वारा आशा के मांगों को लेकर समर्थन नहीं किया गया था, आज भाजपा विपक्ष में है तो आशा की मांगों को लेकर समर्थन कर रही है, अगर उस समय आशा की मांगों को पूरा कर दिया जाता तो आज आशा हड़ताल पर क्यों बैठती सभी अपनी राजनीति रोटियां सेंकने में है जुटे हैं किसी को किसी की चिंता नहीं है।