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मामला बायसी मल्हरीया इलाके का है, यहां रहने वाले बिरेंद्र प्रसाद यादव पुलिसकर्मी है और पटना डीएम कार्यालय में पदस्थापित है, शनिवार की रात पटना जाने के लिए पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पहुंचे और कोसी एक्सप्रेस ट्रेन में सवार हुए, रात 2 बजे करीब ट्रेन खुलने से पहले बदमाश ट्रेन के अंदर घुस गए और बिरेंद्र प्रसाद यादव का बैग छीनकर ट्रेन से कूद कर भाग गए, जब तक वीरेंद्र कुछ कर पाते तब तक ट्रेन खुल चुकी थी और वह बिना किसी को कुछ बताएं पटना चले गए।
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घटना खुलासा तब हुआ जब रविवार की दोपहर कुछ लोग पटरी के पास से गुजर रहे थे तो झाड़ी में एक बैग, पुलिस की वर्दी, डायरी व कागज फेंका हुआ था, स्थानीय लोगों ने जब कागजात और वर्दी उठाकर देखा तो उसमें बिरेंद्र प्रसाद यादव का टैग लगा हुआ था और डायरी में एक नंबर लिखा हुआ था, जिसके बाद लोगों ने उस नंबर पर फोन किया तो वीरेंद्र प्रसाद के बेटे श्रवण कुमार ने फोन उठाया, लोगों ने श्रवण कुमार को फोन पर घटना की सूचना दी जिसके बाद वह कोर्ट स्टेशन पहुंचे और बिखरे पड़े अपने पिता के सामान को ले लिया।
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श्रवण कुमार ने बताया कि उनके पिता पुलिस विभाग में कार्यरत है और पटना स्थित डीएम कार्यालय में पदस्थापित है, वह किसी काम से घर आए हुए थे और शनिवार की रात को एक्सप्रेस ट्रेन से पटना जा रहे थे, बदमाश उनका मोबाइल और सभी समाज छीनकर भाग गए थे, तभी ट्रेन खुल गई और वह जैसे तैसे पटना पहुंच गए।
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पूर्णिया कोर्ट स्टेशन स्थित आरपीएफ इंस्पेक्टर रहमान ने बताया कि रात में कोसी एक्सप्रेस ट्रेन में एक पुलिसकर्मी के साथ छीनतई का मामला सामने आया लेकिन पीड़ित द्वारा थाने में शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है, शिकायत दर्ज होने के बाद ही मामले की जांच होगी, वही पूर्णिया रेलवे कोर्ट स्टेशन पर आरपीएफ रेलवे थाना भी है लेकिन वह थाना सिर्फ नाम के लिए है, थाना में हमेशा ताला लटका रहता है, कोर्ट स्टेशन पर कई बार इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं इससे कोर्ट स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे है।
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