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Dream11 सहित अन्य मनी गेमिंग पर रोक लगाने के लिए संसद में बिल पास

Desk, नई दिल्ली: “ऑनलाइन मनी गेमिंग के दलदल में फंसते युवाओं को बाहर निकालने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। संसद ने Dream11 सहित अन्य मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगाने के लिए अहम बिल पास कर दिया है। इस फैसले को युवाओं के भविष्य और समाज की सुरक्षा की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।”
मंगलवार को संसद में Dream11 सहित सभी ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगाने वाला बिल पास कर दिया गया। सरकार का कहना है कि यह कदम युवाओं को जुए और सट्टेबाजी जैसी प्रवृत्तियों से बचाने के लिए उठाया गया है।

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मनी गेमिंग पर रोक लगाने के लिए संसद में बिल पास

युवाओं को बचाने की कवायद

सरकार का तर्क है कि ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स युवाओं को तेज़ी से अपनी गिरफ्त में ले रहे थे। हार-जीत के चक्कर में कई छात्र और बेरोजगार युवा आर्थिक कर्ज में फंस गए। कुछ मामलों में आत्महत्या जैसी घटनाएं भी सामने आईं। संसद में यह मुद्दा उठाते हुए सांसदों ने कहा कि “ऑनलाइन गेमिंग अब मनोरंजन नहीं बल्कि एक खतरनाक लत बन चुका है।”

बिल के प्रावधान, नए कानून के तहत –

Dream11, MPL, RummyCircle, PokerBaazi, Junglee Rummy सहित सभी मनी गेमिंग ऐप्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा।

कानून का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना और 10 साल की सजा का प्रावधान है।

ऐप स्टोर और वेबसाइटों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे ऐप्स को तुरंत हटाएँ।

विज्ञापन करने वाले सेलेब्रिटी और इंफ्लुएंसर पर भी कार्रवाई की जाएगी।

क्यों उठाना पड़ा कदम? सरकार के अनुसार ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ी तीन बड़ी समस्याएँ सामने आईं:

1. लत और मानसिक दबाव – कई युवाओं में तनाव, अवसाद और पढ़ाई से दूरी देखने को मिली।

2. आर्थिक नुकसान – खिलाड़ी कर्ज लेकर गेम खेलते और हारने पर परिवारिक विवाद व आत्महत्या तक की नौबत आती।

3. कानूनी धुंधलका – अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नियमों की वजह से भ्रम की स्थिति बनी हुई थी।

कंपनियों और खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया

बिल पास होते ही मनी गेमिंग कंपनियों ने नाराजगी जताई है। Dream11 का कहना है कि फैंटेसी स्पोर्ट्स जुए की श्रेणी में नहीं आता और इसे “कौशल आधारित खेल” माना जाना चाहिए। दूसरी ओर, सामाजिक संगठनों और अभिभावकों ने इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह कदम युवाओं को आर्थिक और मानसिक नुकसान से बचाने के लिए जरूरी था।

रोजगार और उद्योग पर असर

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस फैसले से स्टार्टअप इकोसिस्टम को बड़ा झटका लगेगा। इस उद्योग में लाखों लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से काम कर रहे थे। टैक्स के जरिए सरकार को भी बड़ी आमदनी हो रही थी। अब इस पर रोक से रोजगार और राजस्व दोनों प्रभावित होंगे।

अंतरराष्ट्रीय उदाहरण

दुनिया के कई देशों में इस तरह के सख्त नियम पहले से लागू हैं।

चीन में ऑनलाइन जुआ पूरी तरह बैन है।

अमेरिका के कुछ राज्यों में फैंटेसी स्पोर्ट्स को सीमित अनुमति है।

यूरोप के देशों में इसे रेगुलेट किया जाता है, जहां कड़े टैक्स और नियम लागू हैं।

भारत में अब सीधे प्रतिबंध का रास्ता अपनाया गया है।

आगे की राह

विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को भविष्य में संतुलित नीति बनाने की जरूरत होगी। पूरी तरह बैन की बजाय अगर कड़े नियम, आयु सीमा और खर्च की सीमा तय की जाती तो उद्योग और समाज दोनों का संतुलन बना रहता। हालांकि अभी के लिए संसद का यह फैसला युवाओं को ऑनलाइन मनी गेमिंग के दलदल से बाहर निकालने की कोशिश माना जा रहा है।

निष्कर्ष

Dream11 सहित अन्य मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगाने वाला बिल भारत में डिजिटल गेमिंग की दिशा को पूरी तरह बदल देगा। जहां एक ओर यह कदम लाखों युवाओं और परिवारों को आर्थिक व मानसिक संकट से बचा सकता है, वहीं दूसरी ओर इससे रोजगार और स्टार्टअप इकोसिस्टम पर नकारात्मक असर भी पड़ेगा।

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