Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायतों में वट सावित्री व्रत पर महिलाओं में विशेष उत्साह दिखा सुबह 7 बजे से ही शुभ मुहूर्त में बरगद के पेड़ की परिक्रमा करते हुए पूजा प्रारंभ कर लिया गया, विवाहित महिलाओं के बीच जेष्ठ कृष्ण अमावस्या की तिथि को वट सावित्री पूजा में बरगद के पेड़ की पूजा करने का विशेष महत्व है।
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बताया जाता है कि बरगद के पेड़ की पूजा करने से पति की उम्र लंबी रहती है, इसके साथ ही दांपत्य जीवन भी खुशहाल रहता है, बरगद के पेड़ की परिक्रमा के उपरांत मौके पर मौजूद विद्यावान ब्राह्मणों के द्वारा राजा सत्यवान एवं सावित्री की कथा विवाहिता महिलाओं के द्वारा सुनी गई, जिसके उपरांत पूजा संपन्न हुआ।
मौके पर मौजूद व्रतधारी महिलाएं सरोज कुमार सोनी, गुड़िया जयसवाल, पार्वती देवी, विद्या देवी आदि महिलाओं के द्वारा बताया गया वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र संतान प्राप्ति वैवाहिक जीवन सुखमय के लिए करती है, मान्यता है कि बरगद के पेड़ के तने में भगवान विष्णु, जड़ों में ब्रह्मा और शाखाओं में भगवान शिव का वास होता है।
इसके साथ ही धार्मिक पुराणों में यह वर्णित है कि राजा सत्यवान जो अल्पायु थे, देवी सावित्री इसी वटवृक्ष के नीचे अपने पति के साथ बैठी हुई थी, उस दौरान यमराज के द्वारा राजा सत्यवान के प्राण ले लिए गए थे, देवी सावित्री के मिन्नत और हट के आगे यमराज को राजा सत्यवान के प्राण लौटाने पड़े थे और राजा सत्यवान दीर्घायु हुए थे, उसी मानवता के आधार पर हिंदू महिलाएं वट वृक्ष की पूजा कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।