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माता जानकी के विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के भूमि पूजन के लिए आएंगे प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति

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Bihar: माता जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी में रामायण रिसर्च काउंसिल की ओर से स्थापित की जाने वाली माता सीता की सबसे ऊंची प्रतिमा की स्थापना अगले साल जानकी नवमी या राम नवमी के अवसर पर की जाएगी यह प्रतिमा 251 फीट ऊंची और अष्टधातु की होगी, माँ सीता साक्षात महालक्ष्मी है इसलिए कमल पर विराजमान रहेगी, साथ ही भगवती के नौ विग्रह रूपों का दर्शन एक साथ प्राप्त होगा, इस ऐतिहासिक पूजनीय प्रतिमा के चारों ओर वृत्ताकार रुप से श्री भगवती सीता जी के 108 प्रतिमाएं होंगी जो उनके जीवन दर्शन को उल्लेखित करेंगी।

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भूमि पूजन अगले साल जानकी नवमी या श्री राम नवमी के अवसर पर किया जाएगा भूमि पूजन में राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया जाएगा, प्रधानमंत्री ने भूमि पूजन में आने की हामी भर दी है, डुमरा प्रखंड अंतर्गत राघोपुर बखरी पंचायत में रामायण रिसर्च काउंसिल की ओर से माता जानकी की 251 फीट की अष्टधातु की मूर्ति स्थापित होगी इसके लिए 24.39 एकड़ भूमि का एग्रीमेंट काउंसिल ने कर लिया है, राधापुर बखरी के महंत रामलीला दास ने काउंसिल को कुल 18 एकड़ 40 डिसमिल भूमि दान दी है वही इसके विस्तार के लिए आसपास के किसानों ने भी अपनी भूमि देने पर सहमति जताते हुए करीब 6 एकड़ भूमि का एग्रीमेंट किया है, इसमें ढाई एकड़ भूमि बीच में अल्पसंख्यक समाज के मो. निजामुद्दीन की पड़ती है। उन्होंने भी प्रतिमा स्थापना के लिए जमीन दान दी है, जिस जगह माता सीता की प्रतिमा स्थापित होगी वह श्री भगवती सीता तीर्थ क्षेत्र कहलाएगा।

जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर हिमालयन योगी स्वामी वीरेंद्रानंद जी महाराज ने कहा कि काउंसिल के मुख्य मार्गदर्शक मध्य प्रदेश नलखेड़ा स्थित मां बागलामुखी मंदिर के संत परमहंस स्वामी सांदिपेंद्र जी महाराज ने माता भगवती सीता की प्राकट्यस्थली सीतामढ़ी को शक्ति स्थल के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है, इसके लिए 51 शक्तिपीठों इंडोनेशिया, बाली, श्री लंका की अशोक वाटिका या ऐसे स्थल जहां भगवान या शक्ति स्वरूपा गईं है उन स्थलों से मिट्टी, जल व ज्योत लाकर स्थापित किया जाएगा, प्रतिमाओं के दर्शन के लिए नौका विहार विकसित कराया जाएगा इस कार्य को संपन्न कराने के लिए वे 14 जनवरी 2023 से यहां कल्पवास करेंगे।

काउंसिल के अध्यक्ष चंद्रशेखर मिश्रा ने कहा कि यहां देश का पहला सांस्कृतिक दूतावास स्थापित किया जाएगा, ऐसे देश जहां से अधिक पर्यटक आते हैं उन देशों के राजदूतों के लिए यहाँ कमरा उपलब्ध रहेगा जिन्हें यह विजिट कराकर उनके द्वारा उनके देश के अधिक से अधिक पर्यटकों को आने के लिए आवाहन किया जाएगा, काउंसिल के सीता सखी समिति के संयोजक अराध्या सरस्वती ने कहा कि नारी के सम्मान में मां भगवती की 251 फीट ऊंची भव्य एवं दिव्य प्रतिमा स्थापित की जा रही है, यह नारी सशक्तिकरण का दूसरा उदाहरण है।

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