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बिहार की नई सरकार में किस दल को मिलेगा कौन सा विभाग को लेकर चर्चा तेज

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Bihar: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अब हिस्सेदारी पर चर्चा शुरू हो गई है मंत्रिमंडल में किस पार्टी को ज्यादा हिस्सा मिलेगा और किसके ज्यादा एमएलए होंगे इस पर चर्चा शुरू हो गई है, बुधवार को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने शपथ लिया जिसके बाद मंत्रिमंडल में कौन, किसको, कौन सा विभाग, किस दल को कितने मंत्री पद और किस दल को कितना वजनदार विभाग दिया जाएगा इस पर मंथन शुरू हो गया है।

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अभी तक एनडीए सरकार में भाजपा का बड़ा रोल था दूसरे नंबर पर जदयू और तीसरे नंबर पर हम का था इनमे तीन पार्टिया होने की वजह से ज्यादा परेशानी नहीं थी लेकिन अब सत्ता में आधा दर्जन पार्टियां भागीदारी कर रही है इसलिए विभागों में बंटवारे में थोड़ी मुश्किल आएगी कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष का पद भी मांगा है।

बिहार में 44 विभाग हैं इन विभागों में संख्या के आधार पर हिस्सेदारी होती है तो सबसे ज्यादा मंत्री राजद के खाते में जाएंगे यह तेजस्वी यादव पर निर्भर करता है कि वह जितने विभाग हैं उतने मंत्री रखेंगे या किसी एक मंत्री को अतिरिक्त विभाग देंगे हिसाब के मुताबिक 164 विधायक का समर्थन नीतीश कुमार ने राज्यपाल को सौंपा है जिसमें राजद के 79, जातियों के 45, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, हम के चार और एक निर्दलीय की हिस्सेदारी है।

44 विभागों का बंटवारा किया जाएगा तो 3.72 विधायक पर एक विभाग का हिस्सा पड़ता है जिसके मुताबिक राजद को 21 विभाग मिलेंगे वहीं जदयू को 12 से संतोष करना पड़ेगा, लेफ्ट के 4 विधायकों का समर्थन रहेगा, हम और निर्दलीयों को एक-एक मंत्री से ही संतोष करना पड़ सकता है, अब ऐसे में महत्वपूर्ण यह तय करना है कि वह संख्या के आधार पर विभागों का बंटवारा करती है या फिर सिंबॉलिक व्यवस्था लाते हैं।

हम और निर्दलीय विधायकों को पुराने विभाग में सकते हैं वहीं शिक्षा, जल संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, ऊर्जा विभाग, कल्याण विभाग, सहकारिता विभाग, आपदा और जनसंपर्क विभाग दिए जा सकते हैं, इसके अलावा, कांग्रेस को राजस्व एवं भूमि सुधार, लोक अभियंत्रण विभाग, मद्य निषेध विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग भी दिया जा सकता है।

हम और निर्दलीयों को उनके पुराने विभाग फिर से सौंपे जा सकते हैं, नीतीश कुमार के पास 5 विभाग होते ही हैं अब सवाल यह है कि क्या वह अपने इन विभागों को दूसरों को देंगे या नहीं, ऐसा कहा जा रहा है कि सामान्य प्रशासन, गृह, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी, निर्वाचन विभाग नीतीश अपने पास ही रखेंगे, राजद की तरफ से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बने हैं तो वे पथ निर्माण विभाग और नगर विकास अपने पास रख सकते हैं, वहीं राजद के पास दूसरे बड़े विभागों में स्वास्थ्य, नगर विकास विभाग, वित्त, वाणिज्य कर, उद्योग, कृषि, श्रम संसाधन आदि हो सकते हैं।

राजद की तरफ से संभावित चेहरों में तेजप्रताप यादव, आलोक कुमार मेहता, अनिता देवी, जितेन्द्र कुमार राय, चन्द्रशेखर, कुमार सर्वजीत, बच्चा पांडेय, भारत भूषण मंडल, अनिल सहनी, शाहनवाज/शमीम अहमद, अख्तरुल इस्लाम शाहीन/मो. नेहालुद्दीन, रामचंद्र पूर्वे/समीर महासेठ, भाई वीरेन्द्र/सुरेन्द्र यादव/ललित यादव, कार्तिक सिंह/सौरभ कुमार, वीणा सिंह/सुनील सिंह, रणविजय साहू/मंजू अग्रवाल, संगीता कुमारी/सुरेन्द्र राम वही जदयू के संभावित चेहरों में विजय कुमार चौधरी, विजेन्द्र प्रसाद यादव, अशोक चौधरी, उपेन्द्र कुशवाहा, शीला कुमारी, श्रवण कुमार, मदन सहनी, संजय कुमार झा, लेशी सिंह, सुनील कुमार, जयंत राज, जमां खान और कांग्रेस से मदन मोहन झा/अजीत शर्मा, शकील अहमद खान, राजेश कुमार, हम से संतोष कुमार सुमन, निर्दलीय से सुमित कुमार सिंह है।

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