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दरअसल मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक जिले के रुपौली कॉलोनी का रहने वाले उमेश राम का पुत्र पंकज राम है, परिजनों के अनुसार पंकज राम को गांव के ही 2 माह पूर्व एक पागल कुत्ते ने काट लिया था मामूली घाव समझकर एंटी रेबीज की सुई नहीं ली गई, घाव भी ठीक हो गया लेकिन उसे पता नहीं चला कि उसकी लापरवाही एक दिन जानलेवा साबित हो सकती है।
दो महीने बाद पागल कुत्ते के काटा हुआ असर दिखने को मिला, परिजनों ने बताया कि पंकज एक दिन पहले तक ठीक था। लेकिन मंगलवार के 10 बजे बाद वह अचानक पागल जैसा बरताव करने लगा, जब उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया तो जांच से पता चला कि उसे रेबीज़ हो गया है।
रेबीज होने की बात सुनते ही परिजनों के होश उड़ गए मेडिकल कॉलेज के डॉ ए अहद ने बताया कि रेबीज का कोई इलाज नहीं है समय पर एंटीरेबीज की सुई लेना ही बचाव है, यह संक्रमण जंगली जानवरों के काटने से फैलता है, यह संक्रमण 10 से लेकर 12 साल के अंदर तक होता है।