Bihar: चांद, उचित मुआवजा की मांग को लेकर पिछले 43 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे किसानों के लिए एक बहूत बड़ी खुशखबरी है। डीएम सावन कुमार के प्रयास से भारत माला परियोजना बनारस रांची टु कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण के अधिग्रहण भूमि की मुआवजा की गुत्थी सुलझती प्रतीत हो रही है। भूमि अधिग्रहण में मुआवजा के लिए अपील करने वाले किसानों के लिए कमिश्नर ने दिपावली का बहुत बड़ा उपहार दिया है। दरसल कमिश्नर के द्वारा भूमि अधिग्रहण में कैमूर के किसानों का मुआवजा दुना कर दिया गया है। मुआवजा बढ़ाए जाने से किसानों में खुशी का माहौल है, वही अध्यक्ष किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर विमलेश पांडेय ने डीएम के प्रयास की सराहना की। उन्होंने ने कहा परियोजना शुरू करने में किसान सकारात्मक पहल करेंगे।
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जानकारी देते हुए डीएम सावन कुमार ने कहा कमिश्नर के द्वारा दिया गया फैसला कैमूर जिले में सभी भूमि प्रभावित रैयतों पर लागू होगा। कमिश्नर का फैसला स्वागत योग्य है। कमिश्नर के फैसले के बाद कैमूर जिले में भारत माला परियोजना शुरू होने में मदद मिलेगी। उन्होंने ने कहा कैमूर किसानों की उचित मुआवजा की मांग पुरी होने के लिए कमिश्नर के फैसले का बहुत बड़ी भूमिका है। इस मौके पर पशुपति नाथ सिंह महासचिव किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर, सचिव अनिल सिंह एवं अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन कैमूर ने कहा भारत माला परियोजना बनारस रांची टु कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य के लिए किसानों को उचित मुआवजा दिलाने के लिए डीएम का आभार व्यक्त किया। भारत माला परियोजना बनारस रांची टु कोलकाता एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य कैमूर जिले में सैकड़ों किसानों के द्वारा आंदोलन कर रोका हुआ था।
किसानों के विरोध के कारण कैमूर जिले में भारत माला परियोजना में मिट्टी जांच जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम कुछ नहीं किया जा सका है। कैमूर जिले में उचित मुआवजा के लिए किसान पिछले ढाई साल से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के द्वारा भारत माला परियोजना एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य करने के लिए अधिकृत पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड कंपनी के बेस कैंप स्थल मसोई में किसानों के द्वारा पिछले 142 दिन से धरना दिया जा रहा है। किसानों ने उचित मुआवजा की मांग पुरा नही होने तक एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य रोके रखा हुआ था। कमिश्नर के द्वारा अधिग्रहण की गई भूमि की मुआवजा 100% बढ़ाने के बाद परियोजना शुरू होने की उम्मीद है। कैमूर जिले में भारत माला परियोजना एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए पांच प्रखंड के 93 मौजा का 17 सौ एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई है। अधिग्रहण की सैकड़ों किसानों को 2013 सर्किल रेट से मुआवजा दिया जा रहा था। जिसे लेकर किसान विरोध कर रहे थे।
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