Bihar: मुंगेर, मध्य प्रदेश के महू में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के द्वारा महाकुंभ मेले पर बयान दिया गया था। जिसे लेकर मुंगेर व्यवहार न्यायालय में उनके खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। यह परिवाद सदर बाजार जमालपुर निवासी मनीष कुमार के द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में दाखिल किया गया है। उनके दिए गए परिवाद में बताया गया है की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीते 27 जनवरी 2025 को मध्य प्रदेश राज्य के महू में जो कि भीम राव अंबेडकर की जन्म भूमि है, भारतीय सनातन धर्म के महाकुंभ व आस्था पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया है।
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जिनके दिए गए बयान से प्रतीत होता है कि उन्होंने सनातन धर्म को विश्व स्तर पर बदनाम करने का पूर्ण प्रयास किया है। एक ओर जहां विश्व के विभिन्न देशों के लोग सनातन धर्म के इस कुंभ स्नान में भाग लेने आ रहे हैं तथा सनातन धर्म की गुणवत्ता को वैज्ञानिकता पर स्वीकार कर रहे हैं। इसके साथ ही देश की विविधता को एकता में बदलने की परम्परा की व्याख्या कर रहे हैं। वही खड़गे सनातन धर्म की एकता व संस्कृति पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया है जो कि पूर्णतः कानून सम्मत नहीं है और घोर देश विरोधी है। उन्होंने कहा है कि “गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर नहीं होगी। इससे क्या पेट में खाना मिलता है और क्या युवाओं को रोजगार मिल रहा है।
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दरसल भारतीय ऋषियों व मनीषियों द्वारा वृहस्पति ग्रह के चक्रों को ध्यान में रखते हुए अभिजीत योग की उपस्थिति में भारत में कुंभ स्नान व पूजा-पाठ की परंपरा है। उक्त शब्दों व वाक्य जो कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रयोग किया है, वह वास्तव में अपराधी चरित्र को दर्शाता है, जो कि विविधता में एकता जैसे अनुशासित व सांस्कृतिक एकता को विखंडित करने का प्रयास है, जिससे परिवादी व संपूर्ण सनातन समाज आहत हुआ है। परिवादी की ओर से यह वाद अधिवक्ता निर्मल कुमार ने दायर किया है।
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