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दरअसल बालू के अवैध धंधे में लगे लोगों के द्वारा लंबे समय से कुदरा नदी से अवैध तरीके से बालू की निकासी की जा रही थी इससे बालू के धंधे में मनमानी तो देखने को मिली रही थी साथ ही सरकार को राजस्व की क्षति हो रही थी, लंबे समय से नदी के बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं होने के चलते यह स्थिति बनी हुई थी, बीच-बीच में पुलिस व खनन विभाग के द्वारा कार्रवाई भी की जाती थी लेकिन फिर भी अवैध तरीके से बालू की निकासी का धंधा नहीं रुक पाता।
इसी वजह से नदी के बालू घाट की बंदोबस्ती से अब बालू निकासी के अवैध धंधे पर रोक लगेगी वहीं इलाके में बहने वाली नदियों में सोन नदी के बाद सबसे अधिक मांग कुदरा नदी के बालू की ही रहती है, कुदरा नदी के नाम पर ही स्थानीय प्रखंड का नाम भी कुदरा है, यहां से होकर बहने वाली कुदरा नदी के नाम पर ही रेलवे स्टेशन का नामकरण हुआ है बाद में पूर्व में जहानाबाद के नाम से जाने जाने वाले स्थानीय प्रखंड मुख्यालय और प्रखंड का नाम भी कुदरा ही हो गया है।