Home भक्ति और भाग्योदय दीपावली 2025: गणेश लक्ष्मी पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और विधि-विधान

दीपावली 2025: गणेश लक्ष्मी पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और विधि-विधान

Diwali 2025: गणेश लक्ष्मी पूजा मुहूर्त, विधि-विधान और शुभ तिथि | दीपावली पूजा समय 2025

Maa Laxmi

Diwali 2025 Lakshmi Ganesh Puja Muhurat and Vidhi-Vidhan

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भक्ति और भाग्योदय : भारत में दीपावली का पर्व खुशियों, रोशनी और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में दीपावली आज 20 अक्टूबर (सोमवार) के तिथि को मनाई जाएगी। आज के दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन विधिवत पूजन करने से घर में धन, वैभव और सुख-समृद्धि का वास होता है।

गणेश-लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त

🌕 दीपावली 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

दीपावली की तिथि: 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार)

अमावस्या तिथि प्रारंभ: 20 अक्टूबर को प्रातः 05:27 बजे

अमावस्या तिथि समाप्त: 21 अक्टूबर को प्रातः 04:15 बजे

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: सायं 05:44 बजे से 07:42 बजे तक (कुल अवधि: 1 घंटा 58 मिनट)

यह मुहूर्त प्रदोष काल एवं स्थिर लग्न में आता है, जो लक्ष्मी पूजन के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

🪔 गणेश-लक्ष्मी पूजा विधि-विधान

1. सफाई और सजावट:
दीपावली से पहले घर की संपूर्ण सफाई करना आवश्यक है। ऐसा माना जाता है कि स्वच्छ घर में ही माता लक्ष्मी का वास होता है। पूजा कक्ष या घर के उत्तर-पूर्व दिशा को विशेष रूप से सजाएं। रंगोली, दीप और फूलों से घर को आकर्षक बनाएं।

2. स्थापना और आसन व्यवस्था:
पूजा के समय लकड़ी की चौकी पर लाल या पीले कपड़े का आसन बिछाएं। उस पर गणेश जी, लक्ष्मी जी और कुबेर जी की मूर्तियों की स्थापना करें। लक्ष्मी जी को बीच में, उनके दाईं ओर गणेश जी और बाईं ओर कुबेर जी को स्थान दें।

3. पूजन सामग्री:
पूजा के लिए दीपक, कपूर, धूप, चावल, फल, मिठाई, पान, सुपारी, लाल पुष्प, कमल का फूल, घी, अक्षत, रोली और सिक्के रखें। लक्ष्मी जी को विशेष रूप से कमल और चांदी के सिक्के अर्पित करना शुभ माना जाता है।

4. पूजन विधि:
सबसे पहले गणेश जी का पूजन करें — क्योंकि वे विघ्नहर्ता हैं। इसके बाद लक्ष्मी जी और कुबेर जी की पूजा करें। लक्ष्मी जी को दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से स्नान कराएं (पंचामृत स्नान)। दीपक जलाएं और लक्ष्मी जी के समक्ष 11 या 21 दीप प्रज्ज्वलित करें।

5. मंत्र जाप और आरती:
लक्ष्मी पूजन के समय निम्न मंत्र का जाप करें —
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः”
तत्पश्चात लक्ष्मी आरती, गणेश आरती और कुबेर आरती करें। पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्य एक साथ दीपक जलाकर घर, आंगन और मुख्य द्वार पर रखें।

🌸 विशेष महत्व

दीपावली की रात्रि को महालक्ष्मी आगमन की रात्रि कहा गया है। इस दिन सही मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने से व्यापार में वृद्धि, धनलाभ और घर में शांति का संचार होता है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक एकता का प्रतीक भी है।

विशेष

20 अक्टूबर 2025 की दीपावली का पर्व आपके जीवन में नई रोशनी और समृद्धि लेकर आए। इस दिन पूरे मन, श्रद्धा और नियमपूर्वक लक्ष्मी-गणेश पूजन करने से जीवन में सुख, सौभाग्य और सफलता के द्वार खुलते हैं। दीपों की यह पावन रात्रि हर अंधकार को दूर कर आपके जीवन में उजाला लाए — यही कामना है।

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