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शराबबंदी के नाम पर शराब की दुकानें बंद कर दी लेकिन घर-घर होम डिलीवरी की जा रही है, मोटरसाइकिल लेकर शराब के इस कारोबार में नए लड़के, युवा के साथ-साथ लड़कियां भी लगी हुई हैं, कई गांवों के लोग मुझसे बताते हैं कि लड़कियां भी इस अवैध कारोबार में लगी हुई हैं इससे हर साल बिहार सरकार और बिहार के लोगों को शराबबंदी के कारण 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है ये पैसा पुलिस के हाथ में प्रशासन के हाथ में और शराब माफिया के हाथ में जा रहा है।
बिहार के गांव-गांव में एक और नई समस्या शुरू हो गई है, जब लोगों को शराब नहीं मिल रही है, तो लोग अलग-अलग प्रकार का नशा कर रहे हैं कोई स्मैक खा रहा है तो कोई ड्रग्स ले रहा है ऐसी स्थिति पहले बिहार में नहीं थी, शराब माफिया के साथ बालू माफिया बिहार में काफी ताकतवर हैं, जहां जाइए, बिहार में बड़े स्तर पर अवैध बालू का कारोबार हो रहा है।