कैमूर (भभुआ), 21 अगस्त 2025 – जिला प्रशासन, कैमूर ने स्पष्ट किया है कि भारतमाला (वाराणसी–कोलकाता ग्रीनफ़ील्ड एक्सप्रेस-वे) के निर्माण कार्य में बाधा डालना नियम-विरुद्ध और कानूनन अपराध है। प्रशासन ने कहा है कि कार्यस्थल पर भीड़ इकट्ठा कर अवांछित व्यवधान उत्पन्न करने वालों की पहचान की जा रही है और उन पर कठोर विधिक कार्रवाई की जा रही है। कई मामलों में शांति भंग की आशंका के तहत दंडात्मक कार्रवाई कर, आरोपियों को बॉन्ड पर मुक्त भी किया गया है।
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परियोजना की स्थिति
उत्तर प्रदेश खंड में एक्सप्रेस-वे का कार्य तेज़ी से आगे बढ़ चुका है, वहीं कैमूर जिले के भभुआ और चैनपुर अंचल के सिरोहा मौजा सहित कई स्थानों पर कार्य प्रगति पर है। प्रशासन के अनुसार बिरना और करवंदिया मौजों में विरोध और धरना देने वालों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है।
चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई है कि कुछ ऐसे लोग भी प्रदर्शन कर रहे हैं, जिन्हें पहले ही मुआवजा मिल चुका है।
मुआवजा और प्रशासनिक प्रयास
प्रशासन ने बताया कि आर्बिट्रेटर सह आयुक्त न्यायालय के आदेश पर पात्र भू-स्वामियों को दोगुना मुआवजा दिया जा रहा है। इसके लिए अंचल अधिकारी और राजस्व कर्मी बार-बार आवेदन देने का अनुरोध कर चुके हैं और कैंप लगाकर एलपीसी व वंशावली भी उपलब्ध कराई गई है।
इसके बावजूद कुछ तत्व किसानों को यह कहकर गुमराह कर रहे हैं कि मुआवजा और बढ़ेगा। जबकि प्रशासन ने साफ़ किया कि आर्बिट्रेशन के बाद मुआवजा संशोधन या बढ़ोतरी का कोई प्रावधान नहीं है। यदि कोई असंतुष्ट है तो वह सक्षम न्यायालय का दरवाज़ा खटखटा सकता है।
अधिग्रहित भूमि पर फसल प्रतिबंध
जिला प्रशासन ने याद दिलाया कि 3D अधिसूचना के बाद भूमि राज्य के स्वामित्व में आ जाती है और कई खाता-खेसरा का म्यूटेशन भी NHAI के नाम कर दिया गया है। ऐसे में अधिग्रहित भूमि पर जानबूझकर फसल लगाना या उसे आधार बनाकर कार्य में बाधा डालना नियम-विरुद्ध है।
प्रशासन का रुख
अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा, “उचित मांगों के समाधान हेतु न्यायिक मार्ग उपलब्ध है। किंतु कार्यस्थल पर कानून हाथ में लेना आपराधिक कृत्य है; दोषियों पर विधिक कार्रवाई अपरिहार्य है।”
वहीं, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने कहा, “मौजूदा नियमों के अनुसार मुआवजा निर्धारित सर्किल रेट और विधिक प्रावधानों पर आधारित है। कथित ‘एक सड़क–एक मुआवजा’ जैसी कोई व्यवस्था नहीं है।”
सार्वजनिक अपील
प्रशासन ने रैयतों से अपील की है कि:
आवेदन देकर शीघ्र मुआवजा प्राप्त करें।
भ्रामक प्रचार और उकसावे में न आएँ।
यदि असंतोष है तो न्यायालय का सहारा लें।
कार्यस्थल पर भीड़ या धरना-प्रदर्शन से बचें।
जिला प्रशासन ने कहा है कि यह परियोजना राष्ट्रहित से जुड़ी है और इसके समय पर क्रियान्वयन में सभी नागरिकों का सहयोग आवश्यक है।