Home चैनपुर धूमधाम से मनाया गया विश्वकर्मा मंदिर का 83वां वार्षिकोत्सव स्थापना दिवस

धूमधाम से मनाया गया विश्वकर्मा मंदिर का 83वां वार्षिकोत्सव स्थापना दिवस

Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के मलिक सराय में बिहार राज्य लोहार महासभा कैमूर के तत्वधान में विश्वकर्मा मंदिर का 83 वां वार्षिकोत्सव स्थापना दिवस मनाया गया, जिस के मुख्य अतिथि चैनपुर के विधायक सा अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बिहार सरकार मोहम्मद रमाकांत रहे साथ में बिहार के पूर्व मंत्री सह अनुसूचित जाति जनजाति आयोग अध्यक्ष बिहार सरकार के संतोष कुमार निराला रहे, आयोजित स्थापना दिवस पर लोहार समाज के उत्थान को लेकर वक्ताओं के द्वारा अपने मंतव्य दिए गए, मौके पर समाजसेवी रमेश जायसवाल भी रहे।

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के पर मौजूद वक्ताओं के द्वारा लोगों को संबोधित करते हुए कहा गया, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लोहार जाति को अनुसूचित जनजाति से वंचित करने का एकपक्षीय फैसला घोर निंदनीय है, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पूर्व के निर्णय को अनदेखी करते हुए कुछ लोगों के व्यक्तिगत निर्णय को मुख्य बिंदु मानते हुए इस तरह का निर्णय देना सरासर गलत है, और असंवैधानिक है, सहित कई बातें कही गई, लोहार समाज के द्वारा बिहार सरकार से मांग करते हुए कहा गया न्यायालय द्वारा पारित निर्णय को तत्काल रोक लगाने के लिए यथोचित कार्रवाई की जाए ताकि इस समुदाय का विकास हो सके।

भू स्वामियों को अधिग्रहित भूमि की दोगुना कीमत मिलने की उम्मीद

Bihar: पटना प्रमंडल के आयुक्त सह आर्बिट्रेटर के एक फैसले से कैमूर जिले के भू स्वामियों के बीच अधिग्रहित भूमि की दोगुना कीमत मिलने के उम्मीद की किरण जगी है। दरसल सरकार की भारतमाला एवं नेशनल हाईवे 219 परियोजना जो की लंबे समय से भूधारियों एवं सरकार के बीच गतिरोध के कारण पेंडिंग था। उसका हल आयुक्त सह आर्बिट्रेटर पटना प्रमंडल के द्वारा निकालने का प्रयास किया गया है। आयुक्त के फैसले से अब भारत माला और राष्ट्रीय उच्च पथ 219 बनने के लिए भू अर्जन की कार्रवाई में गति आएगी तथा जल्द ही सरकार की यह परियोजना मूर्त रूप ले सकेगी। दरअसल जिले के कई भू धारियों ने भारतमाला और राष्ट्रीय उच्च पथ 219 हेतु भू अर्जन की कार्रवाई के दौरान जमीन की कम दर मिलने से असंतुष्ट होकर आर्बिट्रेटर सह आयुक्त पटना प्रमंडल के न्यायालय में वाद दायर किया था।

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NS Newsउन्होंने जमीन की किस्म और दर को लेकर आयुक्त के यहां वाद दायर किया था। किसानों का कहना था कि सीमावर्ती राज्य उत्तरप्रदेश में उन्हें जमीन का उच्च दर मिलता है। जबकि बिहार में कम दर मिलता है। उनका तर्क था कि वर्षों से बिहार का MVR दर संशोधित नहीं हुआ है। जिसे लेकर भू अर्जन अधिनियम के तहत आर्बिट्रेटर द्वारा एक साथ कई वादों की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया गया है। आयुक्त ने अधिनियम की विभिन्न धाराओं तथा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल एप्लीकेशन नंबर 4671/2022 में पारित आदेश का हवाला देते हुए फैसला दिया है कि भूमि का मूल्य स्थिर नहीं हो सकता और सामान्यतया भूमि के बाजार मूल्य में प्रतिवर्ष औसतन 10% की बढ़ोतरी होती रहती है। अतः राष्ट्रीय उच्च पथ अधिनियम 1956 की धारा 3जी(5)में वर्णित प्रावधान के आलोक में भू अर्जन के लिए पूर्व में निर्धारित दर को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है। आर्बिट्रेटर ने भू अर्जन पदाधिकारी कैमूर को निर्देश दिया है कि नई दर के आधार पर मुआवजा राशि की गणना कर मुआवजा का भुगतान शीघ्र करें।

ज्ञात हो की भू स्वामियों तथा जिला प्रशासन के बीच लंबे समय से इस मामले को लेकर गतिरोध व्याप्त था। कई बार भू स्वामियों द्वारा संबंधित प्रोजेक्ट कंपनी के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन भी किया गया था। जिला पदाधिकारी के पहल पर भू स्वामियों के मांग के अनुरूप पटना स्थित आर्बिट्रेटर कोर्ट की सुनवाई कैमूर से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही कराई जा रही थी। डीएम सावन कुमार ने बताया कि आर्बिट्रेटर सह आयुक्त पटना प्रमंडल द्वारा जिले के भू अर्जन से संबंधित मामलों की एक साथ सुनवाई की गई तथा विधिसम्मत एवं निर्णायक फैसला प्राप्त हुआ है। इससे सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना भारतमाला और राष्ट्रीय उच्च पथ 219 के कार्य में तेजी आएगी।

भू अर्जन पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार सज्जन ने बताया की वाराणसी रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना के तहत चांद और भभुआ अंचल के औरैया,बेरी, बेतरी और दुमदुम मौजा के कतिपय रैयतों तथा राष्ट्रीय उच्च पथ 219 मोहनिया भभुआ चांद धरौली पथ परियोजना के तहत चांद और भभुआ अंचल के झझनी, चांद,बेतरी और दतियाव के कुछ रैयतों जिनके वाद में फैसला आया है, संशोधित नए दर पर पंचाट बनाकर NHI को अनुमोदन हेतु पिछले सप्ताह ही भेजा जा चुका है। NHI से अनुमोदन प्राप्त होते ही आम सूचना निर्गत कर भुगतान की कार्रवाई की जाएगी। संशोधित अवॉर्ड बनाया जा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि एक सप्ताह के अंदर सभी संशोधित दर या किस्म, जो भी हों, उसका अवार्ड बनाकर NHI को अनुमोदन हेतु भेज दें । NHI से अनुमोदन प्राप्त होते ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

 

 

 

 

वही अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान के द्वारा लोगों को संबोधित करते हुए आश्वासन दिया, लोहार समाज के उत्थान के लिए सरकार से इनके द्वारा बात की जाएगी, इस मौके पर हरिहर शर्मा, जगन्नाथ शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष राम चेला शर्मा, जिला अध्यक्ष राम सिंहासन शर्मा, लोजपा झारखंड प्रदेश अध्यक्ष श्रीकांत विश्वकर्मा, शिवकुमार शर्मा सहित अन्य लोहार समाज के लोग उपस्थित रहे।

डीएम सावन कुमार के प्रयास से भूमि अधिग्रहण में मुआवजा की गुत्थी सुलझी

Bihar: चांद, उचित मुआवजा की मांग को लेकर पिछले 43 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे किसानों के लिए एक बहूत बड़ी खुशखबरी है। डीएम सावन कुमार के प्रयास से भारत माला परियोजना बनारस रांची टु कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण के अधिग्रहण भूमि की मुआवजा की गुत्थी सुलझती प्रतीत हो रही है। भूमि अधिग्रहण में मुआवजा के लिए अपील करने वाले किसानों के लिए कमिश्नर ने दिपावली का बहुत बड़ा उपहार दिया है। दरसल कमिश्नर के द्वारा भूमि अधिग्रहण में कैमूर के किसानों का मुआवजा दुना कर दिया गया है। मुआवजा बढ़ाए जाने से किसानों में खुशी का माहौल है, वही अध्यक्ष किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर विमलेश पांडेय ने डीएम के प्रयास की सराहना की। उन्होंने ने कहा परियोजना शुरू करने में किसान सकारात्मक पहल करेंगे।

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जानकारी देते हुए डीएम सावन कुमार ने कहा कमिश्नर के द्वारा दिया गया फैसला कैमूर जिले में सभी भूमि प्रभावित रैयतों पर लागू होगा। कमिश्नर का फैसला स्वागत योग्य है। कमिश्नर के फैसले के बाद कैमूर जिले में भारत माला परियोजना शुरू होने में मदद मिलेगी। उन्होंने ने कहा कैमूर किसानों की उचित मुआवजा की मांग पुरी होने के लिए कमिश्नर के फैसले का बहुत बड़ी भूमिका है। इस मौके पर पशुपति नाथ सिंह महासचिव किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर, सचिव अनिल सिंह एवं अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन कैमूर ने कहा भारत माला परियोजना बनारस रांची टु कोलकाता एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य के लिए किसानों को उचित मुआवजा दिलाने के लिए डीएम का आभार व्यक्त किया। भारत माला परियोजना बनारस रांची टु कोलकाता एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य कैमूर जिले में सैकड़ों किसानों के द्वारा आंदोलन कर रोका हुआ था।

किसानों के विरोध के कारण कैमूर जिले में भारत माला परियोजना में मिट्टी जांच जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम कुछ नहीं किया जा सका है। कैमूर जिले में उचित मुआवजा के लिए किसान पिछले ढाई साल से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के द्वारा भारत माला परियोजना एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य करने के लिए अधिकृत पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड कंपनी के बेस कैंप स्थल मसोई में किसानों के द्वारा पिछले 142 दिन से धरना दिया जा रहा है। किसानों ने उचित मुआवजा की मांग पुरा नही होने तक एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्य रोके रखा हुआ था। कमिश्नर के द्वारा अधिग्रहण की गई भूमि की मुआवजा 100% बढ़ाने के बाद परियोजना शुरू होने की उम्मीद है। कैमूर जिले में भारत माला परियोजना एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए पांच प्रखंड के 93 मौजा का 17 सौ एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई है। अधिग्रहण की सैकड़ों किसानों को 2013 सर्किल रेट से मुआवजा दिया जा रहा था। जिसे लेकर किसान विरोध कर रहे थे।

 

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