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लोहे की राड और लाठी-डंडे के प्रहार से ललाट, नाक, कमर, पीठ आदि में काफी चोटें आई है। घटना की सुचना पर सिटी डीएसपी अजय कुमार चौधरी एवं विश्वविद्यालय, तातारपुर और जोगसर थाने की पुलिस के अलावा एसआइइटी की टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस के आने की सूचना पर हमलावर जख्मी हालत में राजदीप यादव को छोड़ कर भाग निकले। घटना के सम्बन्ध में राजदीप यादव के लिखित बयान पर विश्वविद्यालय थाने में धनंजय यादव, कन्हैया यादव, छोटू यादव, नरेंद्र यादव, पलटू यादव को आरोपित बनाया गया है। पुलिस टीम ने घटनास्थल पर छापेमारी कर हमलावरों में एक धनंजय यादव के घर से एक पिस्तौल, तीन कारतूस, एक एयरगन और एक फरसा बरामद किया है।
पुलिस हमलावरों में किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। एक पक्ष से केस दर्ज होने के बाद धनंजय के पिता चंदर यादव विश्वविद्यालय थाने अपने पक्ष से केस दर्ज कराने पहुंचे तो उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। विश्वविद्यालय पुलिस का कहना है कि उनके घर से हथियार बरामद किया गया है इसलिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया गया की पलटू यादव ने राजदीप यादव के गले से दो सोने की चेन छीन ली जबकि धनंजय यादव समेत अन्य ने हमले के बाद कपड़े फाड़ डाले, धनंजय ने पैंट की जेब से 15 हजार रुपये भी छीन लिए। वही जब उनपर हमला हो रहा था तब हमलावरों में धनंजय यादव ने उनका गला दबाकर भी जान से मारने का प्रयास किया, कन्हैया पैंट खोल नंगा करने का प्रयास कर रहा था तभी स्थानीय सूरज यादव, रणवीर यादव आदि भी पहुंच गए। पुलिस के भी आ जाने से जान बची। वरना हमलावर उनकी जान ले लेते।
वही इस घटना की वीडियो तेजी से इंटरनेट मीडिया में वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में राजदीप यादव को हमलावर पीटते हुए गाली-गलौज कर बोल रहे हैं कि हमारी जमीन पर कब्जा करने आए थे। तुम ऊपर टोला का खुद को किंग समझते हो। जान ले लेंगे। तुम्हें मालूम नहीं हमारे परिवार के बारे में। हमलावरों में एक उन्हें पानी भी पिलाता है। यह भी बोलता है कि यहां के दामाद हो। ममता भी आ रहा है। ऐसा किये क्यों। हमारी जमीन पर आए क्यों। इधर स्थानीय लोगों में इस बात की चर्चा तेजी से फैल रही है कि राजदीप यादव की परबत्ती में ससुराल है। वह यदि जमीन कब्जा की नीयत से आते तो हथियार के साथ आते। उनके पास लाइसेंसी हथियार है। राजदीप ने बताया कि वह अपने ससुराल जा रहे थे। स्वर्गीय कामेश्वर यादव के परिवार से उनका पुराना संबंध रहा है। उनके पुत्र सूरज यादव के रास्ते में मिल जाने पर बातचीत करने लगा। हमलावर भी स्वर्गीय कामेश्वर यादव के भतीजे हैं जिनका पारिवारिक जमीनी विवाद उसी बेशकीमती भूखंड को लेकर चला आ रहा है। राजदीप के वहां आने को दूसरे पक्ष में गहरी नाराजगी थी।