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दरअसल भदोस से गांव निवासी रामस्वरूप सिंह कभी 40 बीघा जमीन के मालिक थे और गांव के जमींदार हुआ करते थे अपने जीवनकाल में ही रामस्वरूप सिंह अपने जीवनकाल में ही सर्वाधिक खेत बेच दिया और बचे हुए खेतों को उनके बच्चों ने बेच दिया, रामस्वरूप सिंह को 2 पुत्र थे जिनकी शादी नहीं हुई बड़ा पुत्र साधू सिंह और छोटा पुत्र कपिल सिंह साधु सिंह की भी मौत फुटपाथ पर जिंदगी बिताते हुए मजदूरी करते हुए हो गई।
बताया जाता है कि साधु सिंह 3 साल पहले शेखपुरा नगर में ही मजदूरी करते हुए गोला रोड पर गिर गए और उनकी मौत हो गई जिसके बाद उनकी लाश को ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर जलाया था इसी तरह सड़क पर जिंदगी रामस्वरूप सिंह के छोटे बेटे कपिल सिंह ने भी सड़क पर ही जिंदगी काटी और सड़क पर ही उनकी मौत हो गई शेखपुरा नगर के कच्ची रोड में भीषण गर्मी के बीच सड़क पर बेहोश होकर गिर जाने से कपिल सिंह की जान चली गई किसी को कुछ पता नहीं था काफी खोजबीन के बाद पुलिस पहचान कर पाई और गांव वालों को इसकी सुचना दी इसके बाद गांव के लोग इकट्ठे हुए और लाश जलाने के लिए चंदा इकट्ठा करने लगे इसी क्रम में लाश को स्नान कराने के दौरान लाश के पेंट की जेब से एक लाख 80 हजार 265 रूपए निकले तो गांव के लोग आश्चर्यचकित रह गए।
ग्रामीणों का कहना है कि कपिल सिंह कभी-कभी गांव आते थे घर खंडहर हो चुका था गांव के चबूतरे पर ही सो जाते थे और मांग कर खाते थे, शहर में कभी चाय बेचते तो कभी बिस्कुट, कहीं भी सो जाते, अचानक मौत की खबर मिली तो गांव के लोग लाश जलाने के लिए चंदा इकट्ठा करने लगे लेकिन जब उनकी जेब से रुपए निकले तो गांव के लोग हैरान रह गए अब उन पैसों से ही उनका श्राद्ध कर्म करने की तैयारी की जा रही है वह इलाके में एक जमींदार परिवार के बेटे की इस तरह से फुटपाथ पर मौत होना और बदहाली की जिंदगी जीना इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।