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आगे उन्होंने कहा की अभी हम यहां आएं हैं और देख लीजिए हमारे साथ एक हवलदार तक नहीं है। जिस बिहार में लोग मुखिया बनने के बाद 4 गन मैन सुरक्षा के नाम पर लेकर घूमते हैं। उसी बिहार में पिछले 3 वर्ष से मैं पैदल चल रहा हूं और 1 सिपाही तक नहीं लिया। हम किसी से डरने वाले नहीं हैं। वही गांधी मैदान में इसी सरकार ने रात के अंधेरे में 3:00 बजे मुझे उठा लिया। 20 थाने के लोग मुझे अरेस्ट कर कोर्ट में लेकर गए। क्या हुआ, मुझे छोड़ दिया। जब हमने कोई गलती नहीं की तो कोई बिहार में खड़े होकर नहीं कह सकता है कि हमने किसी से 1 रुपए भी लिया हो।
कोई ये नहीं कह सकता है कि हमने कोई गलत काम किया हो। कोई ये नहीं कह सकता है हम किसी से गाली-गलौज कर रहे हैं। हमने बीपीएससी के बारे में कहा कि बीपीएससी के जरिए नौकरी बेची जा रही है। कौन नहीं जानता कि यहां पर नौकरी बेची जा रही है। अशोक चौधरी की बेटी को पैसे देकर टिकट बेचने के मामले पर प्रशांत किशोर ने कहा कि ये पूरे बिहार में सरेआम चर्चा है। ये प्रशांत किशोर को कहने की जरूरत नहीं है। बिहार के गांव-गांव में चर्चा है, जमीन के सर्वे में सरेआम पैसा लिया जा रहा है।