Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड कार्यालय परिसर में स्थित चकबंदी कार्यालय के भवन में शनिवार एक अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हुई, जहां निजी संस्थान के कुछ लोगों के द्वारा अनाधिकृत रूप से अचानक से बैठक शुर कर दी गई।
दरअसल प्रखंड कार्यालय परिसर में स्थित एक भवन में निचले तल्ले पर प्रखंड बाल विकास परियोजना कार्यालय संचालित किया जाता है, जबकि दूसरे तल्ले पर चकबंदी का कार्यालय है, जहां समय-समय पर चकबंदी न्यायालय का आयोजन होता है।
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शनिवार की दोपहर एक निजी संस्थान के माध्यम से 60 से 70 महिलाओं को लेकर पहुंचा गया और अचानक से बैठक आयोजित की गई चकबंदी कार्यालय के लोग समझे कि बाल विकास परियोजना कार्यालय का बैठक चल रहा है, जबकि बाल विकास कार्यालय के लोगों ने चकबंदी कार्यालय की सहमति से किसी अन्य सरकारी योजना से संबंधित बैठक की बात समझ कर सभी लोग चुप थे, तभी कुछ स्थानीय मीडिया आयोजित बैठक की खबर को कवर करने के लिए पहुंचे, बैठक से संबंधित जब जानकारियां ली जाने लगी तो जानकारी मिली किसी आनंद शिशु सेवा सदन एवं सुपर यंग सोसाइटी के माध्यम से बैठक आयोजित हुई है, और उस सोसायटी के सचिव कौशल किशोर पिता देवराज राय ग्राम बाऊर, थाना करहगर, जिला रोहतास के निवासी के द्वारा बैठक के लिए 60 से 70 महिलाओं को बुलाया गया है।
सरकारी भवन में किसी अन्य सोसायटी की बैठक से संबंधित जब अंचलाधिकारी से जानकारी ली गई तो तत्काल मौके पर सीओ के द्वारा पहुंचकर पूछताछ की जाने लगी, तब पूरा भेद खुल गया कि इसके पहले भी इस संस्थान के माध्यम से वहां महिलाओं के साथ बैठक की गई है, यह बैठक दूसरी बार हो रही है।
इस मामले से संबंधित जानकारी लेने पर चैनपुर सीओ पुरेंद्र कुमार सिंह के द्वारा बताया गया जैसे ही जानकारी मिली कि अनाधिकृत रूप से कुछ लोगों के द्वारा वहां बैठक आयोजित की जा रही है तत्काल मौके पर पहुंचकर पुछताछ की गई एवं सरकारी भवन में बैठक से संबंधित अनुमति पत्र मांगा गया, जिसमें सोसाइटी के माध्यम से कोई पत्र नहीं दिखाया गया, हालांकि काफी संख्या में महिला मौजूद थीं जिन्हें अंचलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि, उक्त बैठक में बताई जा रही योजना सरकार द्वारा संचालित नहीं है, इसीलिए सभी लोग सावधान रहें जिसके उपरांत, सोसायटी के कथित सचिव कौशल किशोर से अन्य जानकारियां ली गई।
जिसमें जानकारी मिली कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं को लेकर इन्हें वार्ड वार लोगों को जागरूक करना था, मगर यह प्रखंड स्तर पर सरकारी भवन का उपयोग करते हुए बैठक करने लगे, सोसायटी के सचिव के द्वारा अपनी गलती स्वीकार की गई और लिखित रूप से ऐसा दुबारा नहीं किया जाएगा दिया गया, जिसके उपरांत कई महत्वपूर्ण दस्तावेज लिखित रूप से लेते हुए सोसायटी के सचिव को छोड़ दिया गया है, साथ ही सोसाइटी के सचिव को यह सूचित किया गया है कि अगर किसी अन्य पूछताछ के लिए आवश्यकता होगी तो उन्हें दुबारा बुलाया जा सकता है।