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वर्ष 1984 में राज्य सरकार ने इस योजना का डीपीआर बनाया। इसके बाद वर्ष 1989 में यूपी सरकार ने अनापत्ति प्रमाण पत्र भी दे दिया। लेकिन, वर्ष 1990 में तत्कालीन बिहार सरकार ने नुआंव प्रखंड के नुआंव के समीप ककरैत घाट के पास कर्मनाशा नदी में पंप कैनाल बनाकर काम को अधुरा छोड़ दिया। पत्र में आगे जानकारी दी गई है कि कर्मनाशा नदी में पहले से 180 क्यूसेक का लरमा पंप कैनाल था जो पानी के अभाव में असफल साबित हो रहा है। जमानियां पंप कैनाल के उपर कर्मनाशा नदी में यूपी के हिस्से में यूपी सरकार की 4 लिफ्ट सिंचाई योजनाएं पहले से कार्यरत थी।
अब यूपी सरकारke द्वारा इन चारों लिफ्ट योजनाओं की क्षमता को चार गुना बढ़ा दिया गया है। जिसके कारण कर्मनाशा नदी में जलस्तर और कम हो गया है। पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण जमानियां पंप कैनाल असफल साबित हो गया है। जिससे सिंचाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। ज्ञात हो कि उपचुनाव में भाजपा ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। हाईस्कूल की चुनावी सभा में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने ऐलान भी किया कि सरकार रामगढ़ में गंगा का पानी लाएगी। इसी को लेकर नव निर्वाचित विधायक अशोक कुमार इन दिनों इस मुहिम में लग गए हैं।