Bihar: रोहतास, गांव के युवा आकाशदीप ने संघर्ष के बदौलत भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाई है। इंग्लैंड के टेस्ट सीरीज में आकाशदीप पहली बार भारत की टीम के लिए खेलते हुए नजर आ रहें है। वह इसके पहले रणजी ट्राफी में बंगाल के तथा आईपीएल में आरसीबी का प्रतिनिधित्व करते रहे है। आकशदीप की भारतीय टीम में टेस्ट मैच खेलने के लिए शामिल किए जाने के बाद से बड्डी गांव में उनके घर से ले कर खेल के मैदान तक खुशी का माहौल है। बड्डी गांव के सेवानिवृत प्रधानाध्यापक भैरव दयाल सिंह ने आकाशदीप के संघर्ष के बारे बताया कहा की आकशदीप जब 16 वर्ष के थे, तभी उनके पिता रामजी सिंह की निधन हो गई थी।
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बेटा बचपन से ही क्रिकेटर बनना चाहता था। जिले में लगतार वह बेहतर प्रदर्शन कर रहा था, लेकिन आगे नहीं बढ़ पा रहा था। तब किसी तरह बेटे का कैरियर बनाने के लिए उसे कोलकता भेजा गया। वहां क्रिकेट की कोचिंग कराया गया। बेटा पहले क्लब क्रिकेट खेला। उसे बंगाल की टीम में जगह मिली और वह फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा। पहले आईपीएल में मौका मिला अब भारत की टीम में शामिल होकर बेहतर प्रदर्शन कर देश के साथ-साथ अपने जिला और गांव का नाम रौशन कर रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि बेटा क्रिकेट में देश के लिए खूब अच्छा खेलें अब यही भगवान से प्रार्थना है।
सासाराम शहर के बेदा इलाके में आकाशदीप और उनके सहयोगी वैभव कुमार क्रिकेट प्रशिक्षण केंद्र चलाते हैं। प्रशिक्षण केंद्र के मीडिया मैनेजर हरिओम बताते है कि आज हम सभी लोग खुश हैं। प्रशिक्षण केंद्र में क्रिकेट की ट्रेनिंग ले रहे हैं। सभी प्रशिक्षणार्थी भी मैंच देख कर काफी उत्साहित है। प्रबंधक के अनुसार अब क्रिकेट में बड़ा नाम के बावजूद आकाशदीप का घर-गांव से गहरा लगाव है। जब भी मौका मिलता है अपने क्रिकेट प्रशिक्षण केंद्र और गांव आते हैं। एकेडमिक में ट्रेनिंग ले रहे युवाओं के साथ मैच खेलते हैं।
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