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आगे प्रशांत किशोर के द्वारा कहा गया की अगर लालू प्रसाद का शासनकाल अपराधियों का जंगल राज था तो नीतीश कुमार का शासन काल भी अपराधियों का जंगल राज है। वही उन्होंने बिहार की बदहाली का जिक्र करते हुए बताया कि जिन गांवों और पंचायतों में जाने का मौका मिला है, वहां पलायन की समस्या बहुत बड़ी है। गांवों में 60 प्रतिशत तक नवयुवक नहीं है। नीतीश कुमार के शासनकाल की सबसे बड़ी नाकामी है, बिहार में शिक्षा व्यवस्था का ध्वस्त हो जाना। बिहार में भूमिहीनों की समस्या का जिक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में गरीबी और बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण है बड़ी संख्या में भूमिहीनों का होना। आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 58 फीसदी लोग भूमिहीन हैं जबकि देश में भूमिहीनों की संख्या 38 प्रतिशत है।