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उन्होंने इस पूरी घटना क्रम में गंभीर रूप से घायल हुए एक छात्र के इलाज की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा की मुझे जानकारी मिली है की एक बच्चे को गंभीर चोट लगी है और वह अस्पताल में भर्ती है। हम अपनी ओर से हर संभव मदद करेंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि उसका पैर टूट गया है। प्रशांत किशोर ने लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। उन्होंने मांग की दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। घटना के संदर्भ में उन्होंने बताया कि विवाद BPSC परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लेकर हुआ था।
जिसमे सरकार की लापरवाही स्पष्ट है। समय रहते इस मुद्दे पर उनके द्वारा स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जिसके कारण छात्रों के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई। अब, जब विवाद हुआ है, तो सरकार कह रही है कि परीक्षा एक ही पेपर से होगी और नॉर्मलाइजेशन की कोई बात नहीं है। जो की सरकार की कार्यशैली की विफलता को दिखाता है। सरकार को पहले ही स्पष्ट करना चाहिए था कि परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा। यदि यह स्पष्टता होती तो ऐसी स्थिति उत्पन्न ही नहीं होती। लेकिन सरकार की लापरवाही और संवाद की कमी के कारण यह विवाद हुआ।