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जिसमे सरकार की लापरवाही स्पष्ट है। समय रहते इस मुद्दे पर उनके द्वारा स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, जिसके कारण छात्रों के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई। अब, जब विवाद हुआ है, तो सरकार कह रही है कि परीक्षा एक ही पेपर से होगी और नॉर्मलाइजेशन की कोई बात नहीं है। जो की सरकार की कार्यशैली की विफलता को दिखाता है। सरकार को पहले ही स्पष्ट करना चाहिए था कि परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा। यदि यह स्पष्टता होती तो ऐसी स्थिति उत्पन्न ही नहीं होती। लेकिन सरकार की लापरवाही और संवाद की कमी के कारण यह विवाद हुआ।