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
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कई ऐसे मामले थे जिनमें पुलिस ने शराबबंदी कानून के तहत केस दर्ज किया था और कोर्ट ने आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी थी, कोर्ट से बेल मिलने के बाद रिहा हुए ऐसे तमाम लोगों को फिर से जेल में डालने के लिए बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी, सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि मामले में जिन्हे बेल दिया गया है उनकी जमानत रद्द कर दी जाए, चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना की बेंच में मामला आया कोर्ट बेंच के सामने बिहार सरकार के वकील ने दलील दी कि आरोपियों के पास भारी मात्रा में शराब बरामद हुई थी शराब की मात्रा को देखते हुए उन्हें दी गई जमानत को रद्द कर देना चाहिए।
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बिहार सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा कि सरकार ने सख्त शराबबंदी कानून बनाए हैं जिसमें आरोपियों को 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक सजा दिया जाना है, हाई कोर्ट ने ऐसे मामले के आरोपियों को बिना कारण बताये जमानत दे दी है, कुछ आरोपी 400 से 500 लीटर शराब ले जाते पकड़े गए लेकिन उन्हें भी जमानत दे दी गई है, बिहार सरकार के वकील के इन दलीलों के बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने इसे सिरे से खारिज कर दिया।
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कोर्ट की बेंच ने कहा कि शराब के मामले ने बिहार में कोर्ट के कामकाज को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है, पटना हाई कोर्ट का हाल यह है कि वहां दायर किसी मामले को सूचीबद्ध करने में 1 साल लग जा रहे हैं, पटना हाई कोर्ट के 14-15 जज हर रोज शराब मामले में जमानत याचिकाओं की सुनवाई कर रहे हैं, किसी दूसरे मामले की सुनवाई नहीं हो पा रही है।
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दरअसल कोर्ट में बिहार सरकार के वकील ने कहा था कि इन मामलों में जमानत नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि बिहार सरकार ने शराब के मामले में सख्त कानून बना दिया है, इस पर चीफ जस्टिस ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि आपके हिसाब से हमें सिर्फ इसलिए जमानत नहीं देनी चाहिए क्योंकि आपने सख्त कानून बना दिया है, हत्या के मामले में आईपीसी की प्रावधानों का हवाला देते हुए मर्डर केस में जमानत दी जाती है और कई मामलों में कोर्ट अग्रिम जमानत भी देती है और आप कह रहे हैं कि शराब की मामले में जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार द्वारा दायर 40 अपील को एक झटके से खारिज कर दिया, बताते चलें कि इससे पहले भी देश के मुख्य न्यायाधीश बिहार में शराबबंदी के मामले को लेकर कोर्ट का काम बाधित होने पर चिंता जता चुके हैं आंध्रप्रदेश में एक समारोह में बोलते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी के कारण कोर्ट का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है।