Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
बताया जाता है की मरने से कुछ दिन पहले लाल बहादुर साह भेड़ बकरी चराते हुए सउदी अरब के रेगिस्तान से एक वीडियो बनकर शोशल मीडिया पर 27 मार्च 2024 को वायरल किया था। जिसमें उन्होंने कहा कि कोई भी भारतीय जिन्हें यहां का भाषा नहीं आता हो वह इस जगह पर न आये क्योंकि यहां पर यहां के मालिक के द्वारा मजदूरों के साथ मारपीट किया जाता है। वही जब परिजनों से कोई बातचीत नहीं हुआ तो उन्हें सऊदी भेजने वाले दलाल डोमन साह पर परिजनों ने दबाव बनाया तो पता चला कि लाल बहादुर साह की वहां पर मौत हो गई है। जिसके बाद मृतक के शव को सऊदी अरब से लाने को लेकर परिजनों ने अनुमंडल से लेकर जिला पदाधिकारी और प्रधानमंत्री से गुहार लगाया था। जहां 2 महीने बाद मृतक लाल बहादुर साह का शव सऊदी अरब के प्रशासन के द्वारा गुरुवार को भेज दिया गया जो शव गुरुवार की रात करीब 10:00 बजे तक मृतक के घर पहुंची। मृतक के परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर दलाल डोमन साह के घर पर रखकर मुआवजा का मांग कर रहे हैं।
मृतक लाल बहादुर शाह को 7 पुत्री और एक पुत्र है और उनके पास रहने के लिए अपना जमीन भी नहीं है ऐसी स्थिति में मृतक के परिजनों के ऊपर आर्थिक संकट के बादल छा गए है। हालांकि मृतक की 44 वर्षीय पत्नी शकुनी देवी और परिजनों ने मजदूरी के लिए टूरिस्ट वीजा बनाकर सऊदी भेजने वाले डोमन साह पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा कि अगर यह गलती नहीं होती तो लाल बहादुर की मौत नहीं होती। मृतक की पत्नी शकुनि देवी ने कहा कि सऊदी अरब भेजने को लेकर हमने 20 जुलाई 2022 को जीविका समूह और लोगों से कर्ज लेकर अपने पति को मजदूरी करने सऊदी अरब भेजा था, ताकि हमारी 7 बेटियों की शादी विवाह हो सके और परिवार अच्छे से चल सके लेकिन इस दलाल के चक्कर में मेरे पति की जान चली गई। कहा जब तक उचित मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक डोमन साह के दरवाजे पर शव रखकर मांग करते रहेंगे।