Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

बताते चलें कि इन मशीनों को अगले 1 हफ्ते के भीतर सभी जिलों में मौजूद उत्पाद विभाग के कार्यालय में चालू कर दिया जाएगा, पटना में पांचों के अलावा मसौढ़ी, दानापुर और पालीगंज में आधार ऑथेंटिकेटे मशीन लगाया जा रहा है इस तरीके से पूरे राज्य में कुल 42 मशीनें लगाई जाएंगी, इसकी मदद से संबंधित जिलों में कहीं कोई शराब पीते पकड़ा जाता है तो उसे मुख्यालय लाकर उसकी जानकारी आधार नंबर के साथ बायोमेट्रिक मशीन में दर्ज की जाएगी।
बिहार में शराबबंदी के बाद शराब का सेवन करना कानूनी अपराध है सरकार ने शराबियों को आधार से रजिस्टर्ड करने का फैसला पिछले साल किया था ताकि बार-बार शराब पीकर पकड़े जाने उन लोगों को आसानी से डाटा मिल जाए, बिहार में शराबबंदी के बावजूद धड़ल्ले से शराब बिक रही है पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद तस्कर किसी ने किसी तरीके से शराब ले आ रहे हैं ड्रोन और हेलीकॉप्टर के बाद अब पुलिस 50 लाख के हैंड स्कैनर मशीन से भी शराब ढूंढ रही है।
पटना के साथ कुछ जिलों में इसकी शुरुआत हो गई है यह मशीन बैटरी से चलती है किसी भी गाड़ी की बॉडी को भी ऊपर से स्कैन किया जा सकता है इस मशीन के स्क्रीन पर गाड़ी के अंदर मौजूद सामान की तस्वीर आकार के रूप में देखी जा सकती है, इस प्रक्रिया में 30 से 40 सेकंड ही लगता है, अब तक इस हैंड स्कैनिंग मशीन से एक बस में छिपाकर लाई जा रही शराब पकड़ी जा चुकी है।