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बिहार पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि पंचायत चुनाव खत्म होगा गया है अब हर पंचायत में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू हो जाएगा, यह शराबबंदी कानून को भी प्रभावी बनाएगा, साथ ही गांव के किसी भी कोने में अपराध के साथ-साथ शराब की तस्करी की घटनाओं पर भी रोक लगेगी, इसके अलावा कैमरे की सहायता से अपराधियों को पहचान पाने में भी आसानी होगी।
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पहले पंचायत के अंदर पड़ने वाले गांवों को चिन्हित किया जाएगा, इसके बाद जगह चुनकर हर एक पंचायत में 100 कैमरे लगाए जाएंगे, कैमरा लगाते समय यह ध्यान रखा जाएगा कि वह गांव के प्रवेश और ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों को कवर कर सके पहले चरण में सभी पंचायत में 100 कैमरे लगाने की योजना है, इन सभी कमरों का एक्सेस पंचायत के मुखिया, सरपंच के साथ ही सम्बंधित थाना प्रभारी की मोबाइल पर होगा, इसके साथ ही सभी मोबाइल पर 15 दिन का बैकअप भी होगा, सभी कैमरे हाई रैज्यूलेशन और हाई टेक्नोलॉजी के होंगे, बाद में प्रखंड स्तर पर या कुछ पंचायतों को मिलाकर एक कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा।
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि पंचायत स्तर पर मदद करके शराबबंदी कानून को और प्रभावी बना जाएगा, शहरी इलाकों में पुलिस शराब तस्करों पर कार्रवाई कर लेती है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में दूरी के फायदा उठाकर शराब तस्कर फरार हो जाते हैं, ऐसे में पंचायती राज विभाग सरकार की मदद करेगा, बिहार के 11 सौ से ज्यादा थानों में भी बिहार सरकार ने सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बिहार के थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
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अब थानों के चप्पे-चप्पे पर तीसरी आंख की नजर है, S.H.O साहब का केबिन हो या F.I.R रूम, लॉकअप हो या मालखाना अब सब कैमरे की जद में है, यानी सब कुछ ऊपरवाला देख रहा है, बिहार सरकार ने 150 करोड़ से ज्यादा खर्च कर एक ग्यारह सौ से ज्यादा थानों और राजकीय रेल थाना में कैमरे लगवाए हैं, पुलिस थानों में बेल्ट्रॉन की देखरेख में टाटा एडवांस सिस्टम ने यह कैमरे लगवाए हैं, इसके बाद बिहार देश के उन चुनिंदा राज्यों में है जहां थानों को 100% कैमरे से कवर किया गया है।