Bihar: कैमूर, औरंगाबाद के जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन में उच्च कोटि की कर्तव्यपरायणता और अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए अपने दोनों पैरो को गंवाने वाले कैमूर के लाल बिभोर कुमार सिंह को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा शुक्रवार को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह 2024 में, इस मौके पर प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, उपराष्ट्रपति समेत कई विशिष्ट गणमान्य लोग उपस्थित रहे। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 205 कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट एक्शन के असिस्टेंट कमांडेंट बिभोर कुमार सिंह कैमूर जिला के कुदरा प्रखंड के देवराढ़ कला गांव के दिलेश्वर सिंह के पुत्र हैं।
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दरसल वे बीते 25 फरवरी 2022 को औरंगाबाद के नक्सलवाद ग्रस्त इलाके में एक सर्च एंड डिस्ट्रॉय ऑपरेशन टीम का नेतृत्व कर रहे थे। घने जंगल में पेड़ों और चट्टानों की सुरक्षित आड़ में छुपे नक्सलवादियों ने सर्च टीम पर भारी गोलीबारी शुरू कर दी। इस दौरान सहायक कमांडेंट बिभोर कुमार सिंह का बायां पैर एक आईईडी विस्फोट से क्षतिग्रस्त होकर कट गया। असीम पीड़ा को अपनी सहनशीलता संकल्प और इच्छा शक्ति से पराजित करते हुए बिभोर ने कवरिंग फायर के साथ मोर्चा संभाला। गंभीर रूप से जख्मी हालत में कटे हुए पैर के साथ भी वे अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह किए बिना अदम्य वीरता के साथ अपने सैनिकों का नेतृत्व और निर्देशन करते रहे थे।
कवरिंग फायर देकर आपरेशन को सफल बनाया। उन्होंने इस दौरान अनुकरणीय साहस, सैन्य नेतृत्व एवं युद्ध कौशल का परिचय दिया। उनकी साहसिक कार्रवाई के चलते नक्सलियों को पीछे हटना पड़ा था। आईईडी ब्लास्ट में गंभीर रूप से जख्मी बिभोर को इलाज के लिए पहले गया जिला मुख्यालय और उसके बाद दिल्ली के एम्स में ले जाया गया, जहां ऑपरेशन में उनके दोनों पैर काटने पड़े। नक्सलियों के विरुद्ध अभियान की तरह अपने ऑपरेशन के दौरान भी बिभोर ने अत्यधिक दृढ़ता और दिलेरी का प्रदर्शन किया। नक्सल विरोधी अभियान में दोनों पैर गंवाने के बाद भी कैमूर का यह लाल सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन में अपनी सेवाएं जारी रखे हुए है।